युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के कड़क तेवर के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी कर नियुक्ति की रद्द
भाजपा नेताओं को शाला अध्यक्ष बनाए जाने पर लामबंद हुए थे कांग्रेसी, नियुक्ति रद्द करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन के साथ सौंपा था शासन का आदेश और दूरबीन
मनेंद्रगढ़। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में भाजपा नेताओं को अध्यक्ष बनाए जाने से ही बवाल मच गया था। कांग्रेस के नेता मुखर होकर इस नियुक्ति का विरोध कर रहे थे।
प्राथमिक और माध्यमिक शाला में अध्यक्षों को हटाए जाने की मांग को लेकर एनएसयूआई जिला अध्यक्ष कासीम अंसारी, युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष हाफिज मेमन एवं जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सौरव मिश्रा, स्वप्निल सिन्हा ने सयुक्त रूप से जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन सौंपने के साथ ही कांग्रेसी नेताओं ने दूरबीन भी भेट किया। नेताओं ने कहा कि हो सकता है शासन द्वारा जारी आदेश छोटे-छोटे शब्दों में लिखें है जिस कारण से स्पष्ट नहीं दिख रह होंगे तो दूरबीन के माध्यम से देखने में सहूलियत होगी।
कांग्रेसी नेताओं के विरोध के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी करते हुए प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में नियुक्ति किए गए शाला अध्यक्षों की सूची को तत्काल निरस्त कर दिया।
ज्ञात हो कि जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा द्वारा आदेश जारी करते हुए प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में भाजपा नेताओं को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था जिस नियुक्ति का विरोध कांग्रेस नेता लगातार करते आ रहे हैं।
जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सौरव मिश्रा ने नियुक्ति निरस्त किए जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरीके से भाजपा नेताओं के दवाब में आकर शासन के नियम विरुद्ध जाकर नियुक्ति आदेश जारी ही नहीं करना था परंतु जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी गलती को मानते हुए उस नियुक्ति को निरस्त कर दिया है। यह कांग्रेस के नेताओं की जीत हैं। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष कासिम अंसारी ने नियुक्ति निरस्त होने पर कहा कि इस तरीके की नियुक्तियां से शालाओं में राजनीतिक व्यक्तियों की दखलंदाजी बढ़ेगी और छात्रों की शिक्षा प्रभावित होगी। छात्रों के हितों में एनएसयूआई हमेशा मजबूती से आवाज़ उठाती रहेंगी। युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हाफिज मेमन ने नियुक्ति निरस्त किए जाने को कांग्रेस की बड़ी जीत बताते हुए कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी एक जिम्मेदारी से भरा पद है। बिना नियमों के इस तरह की नियुक्ति किया जाना बेहद ही दुर्भाग्य जनक मामला है। भाविष में इस तरीके से नियुक्तियों की पुनरावृत्ति हुई तो शिक्षा सचिव एवं संचालक तक शिकायत की जायेगी।