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कलेक्टर साहब ! परीक्षा चल रही हैं, डीजे का शोर रोकें, हम पढ़ नहीं पा रहे

कलेक्टर साहब ! परीक्षा चल रही हैं, डीजे का शोर रोकें, हम पढ़ नहीं पा रहे
-पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी कानफोडू संगीत व डीजे पर नहीं लगा पा रहे अंकुश- देर रात तक बज रहा संगीत, लगाम लगे

कोतमा/शहर में इन दिनों स्कूली बच्चे परीक्षा की चिंता के साथ कानफोडू़ डीजे के शोर से परेशान हैं। शादी-ब्याह के सीजन व आये दिन निकलने वाले जुलूस के चलते नगर में दिन ही नहीं रात में भी ध्वनि प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच चुका है। कानफोडू शोर से बच्चों के साथ बुजुर्ग और विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोग भी परेशान हो रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी मैरिज गार्डन, मुख्य मार्गों पर रहने वाले लोगों को हो रही है। जहां दिन के अलावा देर रात तक संगीत बजता रहता है। हालत यह है कि परीक्षाओं के दौर में विद्यार्थी अब कलेक्टर से गुहार लगा रहे हैं कि उनकी परीक्षाएं चल रही है, कम से कम रात 10 बजे के बाद तो तेज आवाज पर रोक लगा दें।

रात 10 बजे बाद रोक, कोई प्रतिबंध नहीं
तेज संगीत पर रोक को लेकर प्रशासन की ओर से अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन ने ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम को लेकर धारा 144 के तहत आदेश जारी नहीं किए है, जबकि जिला मुख्यालय अनुपपुर में कोतवाली प्रभारी के द्वारा डी जे वाहन जप्ती की कार्यवाही कर चुके है। लेकिन कोतमा नगर मे यह आदेश नजर ही नहीं आ रहा है। जबकि कलेक्टर के द्वारा परीक्षाओं के चलते ध्वनि प्रदूषण पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए जा चुके है। कोतमा नगर में अब तक कोई कवायद नहीं हुई है, जबकि रात 10 बजे के बाद डीजे बजाने का नियम नहीं है। इसका पालन नहीं हो रहा है।

डीजे गाड़ियों पर अंकुश नहीं, हर कोई परेशान –
नगर में वैवाहिक सीजन व धार्मिक आयोजनों के चलते बड़ी संख्या में डीजे साउंड सिस्टम का उपयोग हो रहा है। इन डीजे से इतना तेज साउंड निकल रहा है कि लोग परेशान हो रहे है। इन पर किसी तरह का अंकुश नहीं है। डीजे गाडिय़ों में तेज आवाज के लिए बड़ी संख्या में एम्पलीफायर लगाए जा रहे हैं। बड़ी गाडिय़ों में इनकी संख्या 8 से ज्यादा होती है। कई गाडिय़ों में 200 डेसीबल से अधिक साउंड पैदा करने की क्षमता साउंड सिस्टम लगा रखे है।
मैरिज गार्डन ही नहीं घरों पर लगा रहे डीजे –
शादी समारोह में अब तक मैरिज गार्डन या धर्मशालाओं में डीजे लगाए जाते रहे हैं लेकिन अब जिनके घरों में शादी है, वहां भी डीजे उपयोग हो रहा है। इन घरों में सुबह से लेकर देर रात संगीत बजता है। तेज आवाज से आस पड़ोस के लोग परेशान हैं लेकिन पड़ोसी होने के कारण मनमसोस कर रह जाते हैं। जबकि कुछ मामलों में थानों में शिकायत हो रही है लेकिन पुलिस तेजी से कार्यवाही नहीं कर रही है।

विवाह समारोह के चलते नगर में देर रात तक तेज आवाज में बज रहा संगीत
वार्ड क्रमांक 7 बनिया टोला शिशु भारती स्कूल के पास रविवार को शाम पांच बजे से ही तेज सांउड में डीजे बजाया जा रहा था। जबकि सोमवार को बच्चों की कक्षा दसवीं की परीक्षा होनी थी। वार्ड क्रमांक 7 निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि बेटे की कक्षा दसवीं की परीक्षा चल रही है। रविवार रात को उनके घर के पास रात 11. बजे तक तेज डीजे का शोर हो रहा था। बेटा परेशान हो रहा था पढ़ाई नहीं कर पा रहा था जबकि सुबह उसे परीक्षा देने जाना था ।
रात 11 बजे तक संगीत, नींद भी बिगाड़ रहे
वार्ड क्रमांक 7 निवासी लक्ष्मी पाण्डेय सेवानिवृत्त कालरी कर्मचारी हैं। उनके घर के पास शादी हो रही थी। दो दिन से देर रात तक संगीत बज रहा था। संगीत बजने से उनकी नींद पूरी नहीं हो पा रही है। चूंकि शादी पड़ोस में है, इसलिए वह चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर पा रहे है। तेज आवाज से परेशान हो रहे हैं।हाट पेसेंट है। नगर में आये दिन शादी समारोह के साथ ही शोभा यात्रा के जुलूस निकाल रहे। जिसमें भी तेज सांउड में डीजे बजाया जाता है साथ ही दसवीं बारहवीं की बोर्ड परिक्षाएं संचालित है जिसके कारण बच्चे कानफोडू डीजे के आवाज़ के कारण पढ़ाई भी प्रभावित हों रही है। कलेक्टर हर्षल पंचोली से नागरिकों एवं अभिभावकों ने गुहार लगाई है कि डीजे साउण्ड पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाते हुए कार्यवाही करवाये जाने की मांग की है।
डीजे पर रोक लगाए जाने के बावजूद जिला प्रशासन के आदेश की खुलकर धज्जियां उड़ती नजर आ रही है शादी के मौके पर डीजे का जमकर प्रयोग किया जा रहा
प्रशासन का आदेश, फिर भी नहीं थम रहा डीजे शोर. –
डीजे पर रोक लगाए जाने के बावजूद जिला प्रशासन के आदेश की खुलकर धज्जियां उड़ती नजर आ रही है। शादी के मौके पर डीजे का जमकर प्रयोग किया जा रहा है। लगन के इस मौसम में अधिकांश शादियों में डीजे का धड़ल्ले से उपयोग करते हुए प्रशासन के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है।डीजे पर रोक लगाए जाने के बावजूद जिला प्रशासन के आदेश की खुलकर धज्जियां उड़ती नजर आ रही है। शादी के मौके पर डीजे का जमकर प्रयोग किया जा रहा है। लगन के इस मौसम में अधिकांश शादियों में डीजे का धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा हैं और बारात के साथ ही अन्य विधि विधानों में भी इसके धुन पर लोग सड़कों पर झूमते नजर आ रहे हैं। वहीं डीजे के शोरगुल से आसपास के लोग परेशानी झेलने के साथ ही अपनी नींद खो रहे हैं। लोग प्रशासन के शिथिल रवैये को लेकर कोसते नजर आते हैं। पिछले महीने जिला प्रशासन ने डीजे पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगा दिया। इसको लेकर आदेश जारी करते हुए डीजे बजने पर उसे जब्त करने का आदेश भी दिया था। कुछ दिनों के लिए जिले में डीजे का शोर थमा था और कार्यवाही भी की गई थी। लेकिन पुन:अब शादी-विवाह में बेरोकटोक डीजे बज रहा है। कोयलांचल क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिबंध के बाद भी रात दस बजे के बाद डीजे व साउंड का शोर थम नहीं रहा है। प्रशासन के आदेश को दरकिनार कर वैवाहिक कार्यक्रम में जमकर डीजे बजाए जा रहे हैं। फिलहाल ध्वनि प्रदूषण को लेकर अधिकारियों के दावों की धज्जियां उड़ रही हैं। वैवाहिक समारोह में रोक के बाद भी डीजे बज रहा है। प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस विभाग आँखों से देखते रहने के बाद भी इस पर मौन साधे हुए हैं ।
सरकार की ओर से रात व दिन में ध्वनि प्रदूषण का मानक तय किया गया है, ताकि ध्वनि प्रदूषण से दिक्कत न हो। सरकार के स्पष्ट आदेश के बाद भी दिन व रात में काफी तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा है। डीजे व बैंड-बाजा मानक से अधिक ध्वनि प्रदूषण कर रहे हैं।

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