एक ने जिला बना कर छोड़ा तो दूसरे ने मुंह मोड़ा, जिला तो बना पर दफ्तर नहीं ? विकास की उम्मीदें अधूरी, सुविधाएं शून्य
पांढुर्णा। मध्यप्रदेश राज्य का 55 वां एवं जबलपुर संभाग का 9 वां जिला पांढुर्णा हैं, जो छिंदवाडा जिले से वर्ष 2023 में अलग होकर अस्तित्व में आया है। मध्यप्रदेश का एक मात्र मराठी भाषी जिले को बने दो साल होते आ रहा है, लेकिन अब तक किसी भी महत्वपूर्ण सरकारी विभाग का स्थायी कार्यालय नहीं बनाया गया है। जिले के लोगों को सरकारी कार्यों के लिए अब भी 100 किलोमीटर दूर छिंदवाड़ा जाना पड़ता है। दफ्तर नहीं, समाधान नहीं प्रशासनिक कार्यों के लिए लोगों की इस परेशानी का समाधान होते नहीं दिख रहा।
शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने पांढुर्णा को जिला बनाकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया था, लेकिन मुख्यमंत्री मोहन सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं किया। न तो सरकारी कार्यालयों के निर्माण के लिए फंड जारी किया और न ही मुख्य अधिकारियों की नियुक्ति हुई। विकास की यह धीमी गति पांढुर्णा के लिए निराशा का कारण बनी हुई है।