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विश्व विद्यालय द्वारा “लड़कियों में स्त्री रोग संबंधी चुनौतियाँ” विषय पर वेबिनार का हुआ आयोजन, स्वास्थ्य जागरूकता और रोकथाम को बढ़ावा देने का उद्देश्य।

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विश्व विद्यालय द्वारा “लड़कियों में स्त्री रोग संबंधी चुनौतियाँ” विषय पर वेबिनार का हुआ आयोजन, स्वास्थ्य जागरूकता और रोकथाम को बढ़ावा देने का उद्देश्य।

 

अमरकंटक, मध्यप्रदेश | इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (IGNTU), अमरकंटक की एनएसएस इकाई द्वारा “लड़कियों में स्त्री रोग संबंधी चुनौतियाँ: जागरूकता, प्रबंधन और रोकथाम” विषय पर एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जागरूकता वेबिनार का आयोजन का सफलतापूर्वक किया गया। इस सत्र का उद्देश्य युवतियों, विशेष रूप से छात्राओं को प्रजनन और स्त्री रोग स्वास्थ्य के बारे में आवश्यक जानकारी देकर उन्हें सशक्त बनाना था।

 

कार्यक्रम की गरिमामयी उपस्थिति में प्रभारी कुलपति प्रो. ब्योमकेश त्रिपाठी, IGNTU ने प्रतिभागियों को प्रेरणादायक संदेश दिया। उन्होंने इस संवेदनशील एवं आवश्यक विषय पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एनएसएस टीम की सराहना की और विशेष रूप से संवेदनशील और वंचित वर्गों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रो. त्रिपाठी ने आयोजकों एवं प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएँ एवं आशीर्वाद देते हुए कहा कि इस प्रकार की पहल लोगो ने अधिक जानकार, स्वस्थ और सशक्त बनाने में सहायक हैं।

 

वेबिनार की मुख्य वक्ता थीं डॉ. कविता खोईवाल, एमडी, एफ.एमएएस, सह-प्रोफेसर, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, एम्स ऋषिकेश। अपने क्षेत्र की अग्रणी विशेषज्ञ डॉ. खोईवाल को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2023 में 41.1 किलोग्राम वजनी सबसे भारी घातक डिम्बग्रंथि (ओवेरियन) ट्यूमर को हटाने के लिए स्थान मिला है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

 

अपने विस्तृत और संवादात्मक सत्र में डॉ. खोईवाल ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की:

 

महिलाओं की प्रजनन स्वास्थ्य और विकास

 

किशोरियों और युवतियों में आम स्त्री रोग समस्याएँ

 

मासिक धर्म स्वास्थ्य और संबंधित विकार

 

योनि संक्रमण: बैक्टीरियल, फंगल और परजीवी

 

मूत्र मार्ग संक्रमण (UTIs)

 

यौन संचारित रोग (STIs)

 

पैल्विक इंफ्लेमेटरी डिज़ीज़ (PID)

 

एचपीवी और गर्भाशय ग्रीवा स्वास्थ्य

 

स्वच्छता और सुरक्षित व्यवहार का महत्व

 

स्त्री रोग संबंधी समस्याओं का मानसिक और भावनात्मक प्रभाव

 

चिकित्सा सहायता कब लें: चेतावनी संकेत पहचानना

 

रोकथाम की रणनीतियाँ, टीकाकरण और स्वस्थ आदतें

 

महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी भ्रांतियाँ बनाम तथ्य

 

जागरूकता के माध्यम से सामाजिक कलंक को तोड़ना

 

डॉ. खोईवाल ने खुली बातचीत, समय पर हस्तक्षेप और स्वास्थ्य शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि युवतियों में स्त्री रोग संबंधी स्वास्थ्य की सुरक्षा की जा सके और उसे बढ़ावा मिल सके। उन्होंने छात्राओं को सूचित निर्णय लेने और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से परामर्श करने में हिचकिचाहट न करने की सलाह दी।

 

इस कार्यक्रम का समन्वय डॉ. जयंत कुमार बेहरा, एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक, और डॉ. देवनारायण, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी के नेतृत्व में किया गया। आयोजन में डॉ. जानकी प्रसाद, डॉ. कुंजबिहारी सुलाखिया, डॉ. आनंद सुगंधे, डॉ. सुहेल अहमद खान, डॉ. कीर्ति, डॉ. अमृता सिंह, एवं श्री राजेश कुमार टुर्केल सहित एनएसएस टीम का सक्रिय सहयोग रहा।

 

इस वेबिनार में लगभग 80 छात्रों, जिनमें कई एनएसएस स्वयंसेवक भी शामिल थे, ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए महत्वपूर्ण ज्ञान प्राप्त किया, कई भ्रांतियों को दूर किया, और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति एक बेहतर समझ विकसित की।

 

IGNTU की एनएसएस इकाई द्वारा की गई इस प्रकार की पहलें स्वास्थ्य साक्षरता, लैंगिक संवेदनशील शिक्षा और छात्र सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में विशेष रूप से जनजातीय और ग्रामीण समुदायों में अत्यंत प्रभावशाली सिद्ध हो रही हैं।

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