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ईमानदारी, सेवा और सादगी की मिसाल थे विपिन कुमार – अब स्मृतियों में अमर रहेंगे

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ईमानदारी, सेवा और सादगी की मिसाल थे विपिन कुमार – अब स्मृतियों में अमर रहेंगे

SECL के जमुना-कोतमा क्षेत्र अंतर्गत संचालित आमाडाड़ खुली खदान परियोजना में पदस्थ सब एरिया मैनेजर श्री विपिन कुमार जी का दिनांक 3 जून 2025 को हृदय गति रुकने से आकस्मिक निधन हो गया। यह खबर जैसे ही पूरे कोतमा क्षेत्र में पहुंची, वहाँ एक गहरे दुख और शोक की लहर दौड़ गई। SECL के अधिकारी वर्ग, कर्मचारीगण, ग्रामीण समाज और प्रभावित किसान समुदाय के लोग अत्यंत व्यथित हो गए। वे केवल एक अधिकारी नहीं थे, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा, एक मसीहा, और एक आत्मीय साथी थे

विपिन कुमार: एक निष्ठावान और समर्पित अधिकारी

विपिन कुमार जी ने अपनी सेवा यात्रा की शुरुआत एक सामान्य सरकारी अधिकारी के रूप में की थी, लेकिन समय के साथ उनका व्यक्तित्व, उनके कार्य करने का तरीका और उनके व्यवहार ने उन्हें एक आदर्श अधिकारी और सच्चे जनसेवक के रूप में स्थापित कर दिया। उन्होंने कभी भी अपने पद को सिर्फ एक नौकरशाह की कुर्सी नहीं माना, बल्कि इसे जनता की सेवा का एक पवित्र कर्तव्य समझा।

उनकी जीवनशैली में सादगी, व्यवहार में विनम्रता और निर्णयों में पारदर्शिता स्पष्ट रूप से दिखती थी। विपिन कुमार जी की यही विशेषताएं उन्हें दूसरों से अलग बनाती थीं। उन्होंने न केवल अपने काम को ईमानदारी से निभाया, बल्कि हमेशा हर वर्ग के लोगों के सुख-दुख में सहभागी बने। चाहे कोई किसान अपनी जमीन के मुआवजे के लिए आए, कोई मजदूर अपनी समस्याएं लेकर आए या कोई कर्मचारी पारिवारिक संकट में हो, विपिन कुमार जी हर बार मदद के लिए तत्पर रहते थे

जनता के बीच एक अपनापन

जहां आमतौर पर अधिकारीगण अपने कक्षों में बंद रहकर काम करते हैं, विपिन कुमार जी ने हर समय क्षेत्र के लोगों के बीच रहकर उनके दुख-दर्द को समझा और उनके समाधान के लिए प्रयासरत रहे। आमाडाड़ के आसपास के गांवों के लोग आज भी याद करते हैं कि विपिन जी के पास उनकी हर समस्या का समाधान था। उनकी सादगी और सरलता ने उन्हें जनता के दिलों में “विपिन बाबू” के नाम से एक प्यारे व्यक्ति के रूप में स्थापित किया

किसान हो, मजदूर हो या फिर कर्मचारी, सभी के लिए वे एक भरोसेमंद सहारा थे। वे न केवल अधिकारिक तौर पर बल्कि मानवीय दृष्टि से भी हर समस्या का समाधान निकालते। इसीलिए उनका आकस्मिक निधन केवल एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

कार्यक्षमता और निष्ठा की मिसाल

विपिन कुमार जी कार्यक्षेत्र में अनुशासन और समय की पाबंदी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने हमेशा यह समझा कि एक अधिकारी का कर्तव्य केवल आदेश देना नहीं, बल्कि अपने अधीनस्थों के साथ मिलकर काम करना भी है। उनके अधीनस्थ बताते हैं कि विपिन जी कभी भी ‘बॉस’ की तरह व्यवहार नहीं करते थे। वे मार्गदर्शक, बड़े भाई और सच्चे मित्र की भूमिका निभाते थे। उन्होंने हमेशा कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया और उनके साथ खुलकर संवाद किया

उनकी प्रबंधन क्षमता और पारदर्शिता से पूरे प्रोजेक्ट में कार्य की गुणवत्ता बनी रही। उन्होंने कर्मचारियों के साथ मानवीय रिश्ता बनाए रखा, जिससे कार्य स्थल का माहौल सकारात्मक और सहयोगपूर्ण बना रहा। उनका मानना था, “सिर्फ कुर्सी नहीं, इंसानियत भी साथ लाओ।” और इसी सोच के साथ उन्होंने अपना जीवन बिताया।

सामाजिक समरसता और हर वर्ग के लिए समान दृष्टिकोण

विपिन कुमार जी ने कभी भी वर्ग, जाति या पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं किया। उनका दृष्टिकोण हर किसी के प्रति समान था। उन्होंने हर व्यक्ति को बराबर का सम्मान दिया और हर समस्या को गंभीरता से लिया। इससे उनका प्रभाव क्षेत्र बहुत व्यापक था। वे केवल एक अधिकारी नहीं थे, बल्कि एक सामाजिक नेता की तरह भी कार्य करते थे।

उनके निधन के बाद आमाडाड़ और आसपास के कई गांवों में शोक के कारण चूल्हा तक नहीं जला। यह स्थिति उनकी गहरी छवि और सामाजिक जुड़ाव का प्रमाण है। लोगों के दिलों में वे इतने बस गए थे कि उनकी याद में गांवों में गम का माहौल छा गया।

व्यक्तिगत गुण और करुणा की मिसाल

विपिन कुमार जी न केवल अपने काम में निपुण थे, बल्कि उनकी सहानुभूति, करुणा और दूसरों के प्रति संवेदनशीलता भी उनकी खासियत थी। वे हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे। उनका मानना था कि एक अधिकारी का काम केवल प्रशासनिक आदेश देना नहीं है, बल्कि जनता की सेवा करना भी है

उनके इस दृष्टिकोण ने उन्हें सिर्फ एक अधिकारी नहीं, बल्कि एक मसीहा बना दिया था। ग्रामीण समाज के बुजुर्ग, महिलाएं, युवा और बच्चे तक उन्हें याद कर रहे हैं। वे कहते हैं, “विपिन बाबू हम गरीबों के मसीहा थे। अब हमारा कौन है?” यह वाक्य उनके प्रति गहरे सम्मान और श्रद्धा का परिचायक है।

परिवार के प्रति समर्पण और संतुलन

व्यक्तिगत जीवन में भी विपिन कुमार जी अपने परिवार के प्रति अत्यंत समर्पित थे। वे अपने कर्तव्यों को तो निभाते ही थे, साथ ही परिवार के लिए भी समय निकालते थे। उनके परिवार में सदैव प्रेम और समझ का वातावरण रहा। परंतु, अचानक उनके जाने से परिवार पर गहरा सदमा पहुंचा है। उनकी अनुपस्थिति को परिवार के लोग आज भी सह नहीं पा रहे हैं।

एक अपूरणीय क्षति

SECL आमाडाड़ परियोजना ने न केवल एक अनुभवी, समर्पित और निष्ठावान अधिकारी को खोया है, बल्कि एक ऐसा व्यक्तित्व खोया है जो अपने पीछे सेवा, समर्पण और इंसानियत की एक प्रेरणादायक विरासत छोड़ गया। उनके जैसे अधिकारी और इंसान दुर्लभ होते हैं, और उनकी जगह कोई पूरी तरह से नहीं भर सकता

उनकी यादें, उनका कार्य और उनका व्यवहार सदैव हमारे दिलों में जिंदा रहेगा। वे हमें प्रेरणा देते रहेंगे कि कैसे निष्ठा, सेवा और सादगी के साथ जीवन जिया जा सकता है।

ईश्वर से प्रार्थना

ईश्वर से हम यही प्रार्थना करते हैं कि वे दिवंगत आत्मा को परम शांति प्रदान करें। साथ ही उनके परिजनों को इस असहनीय दुःख को सहने की शक्ति, धैर्य और साहस प्रदान करें। कुछ लोग इस दुनिया से चले जाते हैं, परन्तु उनकी छवि और आदर्श हृदय में अमिट होकर रह जाते हैं। विपिन कुमार जी भी ऐसे ही अमिट व्यक्तित्व थे, जो सदैव हमारे बीच रहेंगे

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