विस्थापन के विरोध में ग्रामीणों का आंदोलन शासन-प्रशासन से टकराव
मानपुर,उमरिया
कृष्ण कुमार उपाध्याय मानपुर बांधवगढ़ उमरिया
जनपद पंचायत मानपुर में ग्राम पंचायत कुशवाहा के ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार आंदोलन किया
जिला पंचायत सीईओ अभय सिंह ओहरिया ने
जनप्रतिनिधियों और सरपंचों को बुलाकर आंदोलन की जानकारी ली और स्थिति को समझने के लिए वन परिक्षेत्र अधिकारी रंजन सिंह परिहार को भी मौके पर बुलाया।
सीईओ ने ग्रामीणों को बताया कि जनमत योजना के तहत ग्राम पंचायत कुशमहां के 147 आवेदनों पर विचार हुआ, लेकिन बफर ज़ोन में स्थित होने के कारण उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह क्षेत्र विस्थापन की कगार पर है और ग्रामीणों के लिए बेहतर होगा कि वे मुआवजा लेकर अन्यत्र बस जाएं, जिससे उन्हें शासन की सभी योजनाओं का लाभ मिल सके।
आज भी ग्रामीणों ने किया प्रशासन का बहिष्कार
प्रशासन की इस दलील को सुनने के बजाय ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर की
वार्ड क्रमांक 11 की जनपद सदस्य सुश्री रोशनी सिंह और ग्राम पंचायत कुशवाहा के सरपंच सुरेंद्र प्रताप सिंह
ने ग्रामीणों का समर्थन करते हुए एकस्वर में घोषणा की कि यदि प्रशासन उनकी मांगे नहीं मानता तो वे खुद ही बिजली, राशन कार्ड और अन्य सरकारी योजनाओं का परित्याग कर देंगे
उन्होंने सवाल उठाया कि चुनाव के समय प्रशासन के अधिकारी आकर मतदान के अधिकार की याद दिलाते हैं, लेकिन वास्तविक जीवन में बुनियादी सुविधाओं से उन्हें वंचित रखा जा रहा है। ग्रामीणों ने 15 लाख रुपये के मुआवजे को नाकाफी बताते हुए कहा कि क्या कोई अधिकारी या कर्मचारी इस रकम पर अपनी नौकरी छोड़ने को तैयार होगा? फिर वे अपने जल, जंगल और जमीन को छोड़ने के लिए क्यों मजबूर हों?
विस्थापन का विरोध तेज, प्रशासन के सामने चुनौती
ग्रामीणों का आंदोलन प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। वे अपने हक की लड़ाई में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। अब यह देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस मुद्दे का समाधान कैसे निकालता है और क्या वाकई विस्थापन की योजना को बदला जाएगा या फिर ग्रामीणों को उनकी ज़मीन से बेदखल किया जाएग