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विक्रमोत्सव 2025 -इतिहास के मंच पर जीवंत हुआ सम्राट विक्रमादित्य का युग

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विक्रमोत्सव 2025 -इतिहास के मंच पर जीवंत हुआ सम्राट विक्रमादित्य का युग

[शैलेंद्र जोशी ]

स्थानीय विक्रम ज्ञान मंदिर में गुड़ी पड़वा के पावन अवसर पर महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ एवं धार जिला प्रशासन के सहयोग से भव्य आयोजन हुआ । इस ऐतिहासिक आयोजन का मुख्य आकर्षण था त्रिकर्षि नाट्य संस्था, भोपाल द्वारा प्रस्तुत सम्राट विक्रमादित्य के युग पर आधारित भव्य नाट्य मंचन, जिसने उपस्थित जनसमूह को इतिहास की स्वर्णिम गाथा से जोड़ दिया

नाट्य मंचन की शुरुआत में वर्तमान समय के युवाओं के नववर्ष मनाने के तरीके और हमारी प्राचीन संस्कृति के बीच का अंतर दिखाया गया । इसके बाद मंच पर इतिहास की परतें खुलीं और दर्शकों को यह बताया गया कि विक्रम संवत का प्रारंभ क्यों और कैसे हुआ । 20 से अधिक कलाकारों ने अपनी सजीव प्रस्तुति से ऐसा समां बाँधा कि दर्शकों को लगा जैसे वे स्वयं विक्रमादित्य के दरबार में उपस्थित है

कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती सवित्री ठाकुर, धार विधायक नीना वर्मा, कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने इस अवसर संबोधित किया कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष नेहा बोड़ाने, जिला पंचायत अध्यक्ष सरदार सिंह मेड़ा, जिला भाजपा अध्यक्ष निलेश भारती, सीईओ अभिषेक चौधरी सहित बड़ी संख्या में जिला प्रशासन के अधिकारी तथा भाजपा के पदाधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे

मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती सवित्री ठाकुर ने कहा हमारी परंपरा और संस्कृति को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य है। सम्राट विक्रमादित्य के जीवन से हमें कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रप्रेम की सीख मिलती है

श्रीमती ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह एक अद्भुत पहल है

धार विधायक श्रीमती मीना वर्मा ने इस अवसर पर सभी को नव वर्ष एवं नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए विक्रम उत्सव की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के युग में हमारे नौजवानों को हमारी संस्कृति खासकर विक्रम संवत जिसे हिन्दू नववर्ष के रुप में मनाया जाता है इसका ज्वलंत उदाहरण नाट्य मंचन के माध्यम यहां प्रस्तुत किया गया

कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा
नाटक के माध्यम से निश्चित रूप से सभी को हमारा स्वर्णिम इतिहास जानने का अवसर मिला है इससे विक्रम संवत के महत्व को व्यापक रूप से समझने का अवसर मिला उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई में मां देवी अहिल्याबाई होलकर की जयंती को भी पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा और इसमें सभी की भागीदारी अपेक्षित है

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