परंपरागत गल चुल मेले का आयोजन
[ शैलेन्द्र जोशी ]
धार के पास बगडी गांव मे होली पर्व पर परंपरा अनुसार गल चूल का मेला आयोजित हुआ।मेले में मन्नत धारी महिला पुरुष शामिल हुए। इसमें मन्नत पूर्ण होने पर महिलाएं अंगारों पर चलकर मनोकामना को पूर्ण किया। वहीं पुरुषों ने गल घूम कर मन्नत पूर्ण की। इधर बैलगाड़ी खींचने के साथ मेले का समापन हुआ।वहीं मेले में दूर-दूर से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए वह जमकर खरीदारी की।
गल चूल मेले की वर्षों से परंपरा चली आ रही है। जिसका निर्वहन अभी भी हो रहा है। होली पर्वों पर बड़े उत्साह के साथ यहां मेला आयोजित हुआ मेले में बड़ी संख्या में दूर-दूर से लोग शामिल हुए मेला परिसर में खेल खिलौने के साथ अलग-अलग दुकान भी लगाई गई
महिलाएं चली अंगारों पर
महिलाओं द्वारा घर परिवार में सुख समृद्धि खुशहाली व स्वास्थ्य के मंगल कामना को लेकर मन्नत मांगी जाती है। मन्नत पूर्ण होने के बाद महिलाएं होली पर लगने वाले इस मेले में शामिल होकर पूजा अर्चना करने के साथ अंगारे पर चलकर मन्नत पूर्ण करती है
गल गल देवरा के साथ गल घूमे मन्नत धारि पुरुष
मन्नत मनोकामना को लेकर पुरुष वर्ग भी इसमें शामिल होते हैं। मन्नत पूर्ण होने के बाद विशेष वेशभूषा पहनकर गल गल देवरा के जय घोष के साथ यहां पहुंचकर हवा में करीब 30 से 40 फीट ऊंचाई पर हवा में उल्टा गल घूमते हैं
बैलगाड़ियां खींची गई
मेले का समापन बैलगाड़ियां खींचने के साथ होता है इस बार भी गांव के कमल हिंदू सिंह मालवीय के द्वारा विशेष पूजा के साथ बेल गाड़ियां खींची गई बैल गाड़ियों के ऊपर लोग सवार थे