हादसों से नहीं लिया सबक, जान जोखिम में डाल रहे पर्यटक
प्रशासन के आदेश हवा में, अमृतधारा बना ‘सेल्फी पॉइंट ऑफ डेथ’
मनेंद्रगढ़।बीते कुछ महीने पहले अमृतधारा जलप्रपात में हुए दर्दनाक हादसे में SECL के दो अधिकारियों की मौत के बाद प्रशासन ने जलप्रपात क्षेत्र में नहाने, खतरनाक स्थानों में सेल्फी लेने और खाई के पास जाने पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे। लेकिन हकीकत यह है कि ये आदेश सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गए हैं
वास्तविकता यह है कि पर्यटक अब भी बेखौफ होकर खाई के नीचे उतरकर न सिर्फ नहा रहे हैं, बल्कि जानलेवा किनारों पर खड़े होकर ‘रिल्स’ और ‘सेल्फी’ लेने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर अमृतधारा में मौजूद पुलिस सहायता केंद्र पर ताला लटका है, जिससे साफ है कि प्रशासन की सक्रियता सिर्फ दिखावे की है।
प्रशासन मौन, जोखिम जारी:
8 मार्च को दो लोगों की डूबने से मौत के बाद यह अपेक्षा की जा रही थी कि प्रशासन सख्त कदम उठाएगा, लेकिन न तो चेतावनी बोर्ड लगाए गए, न ही सुरक्षा बल तैनात किए गए। इसके उलट, खाई की ओर जाने वाले रास्ते अब भी खुले हुए हैं और हर दिन सैकड़ों पर्यटक खतरे के मुहाने तक पहुंच रहे हैं।
सेल्फी के चक्कर में जान से खेल:
सिर्फ मनोरंजन और सोशल मीडिया की सनक ने अमृतधारा को एक ‘सेल्फी पॉइंट ऑफ डेथ’ में बदल दिया है। सवाल उठता है—कब जागेगा प्रशासन? क्या और मौतों का इंतजार है?
जरूरत है कड़े कदमों की:
स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह सिर्फ आदेश जारी करने के बजाय ज़मीनी हकीकत पर ध्यान दे। सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, चेतावनी बोर्ड, अवरोधक और निगरानी के लिए सीसीटीवी जैसी व्यवस्था अनिवार्य हो। अन्यथा, यह खूबसूरत पर्यटन स्थल एक और जानलेवा हादसे की प्रतीक्षा करता रहेगा