अनूपपुर जबलपुर इंदौर भोपाल मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी बैकुंठपुर रायपुर

तीर्थंकर ऋषभ नाथ जन्म कल्याणक पर्व सानंद संपन्न

WhatsApp Group Join Now

तीर्थंकर ऋषभ नाथ जन्म कल्याणक पर्व सानंद संपन्न

जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर देवाधिदेव 1008 श्री ऋषभनाथ भगवान का जन्म कल्याणक एवं तप कल्याणक पर्व जैन समाज जैतहरी द्वारा हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया।
प्रातः 6:00 बजे से प्रभात फेरी निकाली गई जिसमें जैन समाज के सभी महिलाएं,पुरुष एवं बच्चे धर्म ध्वजा लेकर आदिप्रभु, आदिम तीर्थंकर, तीन लोक के नाथ श्री ऋषभनाथ भगवान की भक्ति एवं जयकारा लगाते हुए नगर भ्रमण कर जैन मंदिर आए

मंदिर जी में देवाधिदेव मूल नायक अतिशयकारी श्री चंद्र प्रभु भगवान, देवाधिदेव श्री पार्श्वनाथ भगवान के साथ देवाधिदेव श्री ऋषभनाथ भगवान का पाण्डुक शिला सिंहासन पर कलशाभिषेक एवं शांति धारा की गई।
शांति धारा करने का सौभाग्य श्रीमान आदर्श कुमार जैन, श्री बसंत कुमार प्रमोद कुमार जैन, डॉक्टर सचिन समैया पर्व जैन एवं श्री अशोक कुमार आकाश कुमार जैन चंदेरिया को प्राप्त हुआ

तीर्थंकर बालक ऋषभ कुमार का पालना अनावरण एवं प्रथम झुलाने का सौभाग्य डॉ0 प्रीति जैन के साथ धर्म पाठशाला के सभी बच्चों को प्राप्त हुआ। सायंकाल भगवान की आरती भक्ति एवं भक्तामर पाठ के माध्यम से 48 दीप प्रज्ज्वलित कर तीर्थंकर भगवान ऋषभनाथ की मंगल अर्चना की गई। प्रवचन सभा के उपरान्त बड़े पर्दे पर प्रोजेक्टर के माध्यम से फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
भगवान ऋषभनाथ का जन्म एक कोड़ा कोड़ी सागर पहले अयोध्या नगर में चैत्र कृष्ण नवमी के दिन 14 वें और अंतिम कुलकर महाराजा नाभिराय एवं माता मरुदेवी के महल में हुआ था। भगवान का जन्म होते ही स्वर्ग से सौधर्म इंद्र असंख्यात देव देवियों के साथ अयोध्या नगर मेंआए, नगर की तीन प्रदक्षिणा करके बालक ऋषभ कुमार को ऐरावत हाथी पर बैठाकर सुमेरु पर्वत की पांडुकशिला पर ले गए और 1008 विशाल कलशों द्वारा क्षीरसागर के शुद्ध जल से जन्माभिषेक संपन्न किए थे। भगवान का जन्म होते ही तीनों लोकों में सभी जीवों को आनंद, शांति एवं प्रसन्नता की अनुभूति हो गई थी

आज तीर्थंकर भगवान ऋषभनाथ के जन्म कल्याणक एवं तप कल्याण के पावन अवसर पर संपूर्ण जैन समाज द्वारा जगत के सभी जीवों का कल्याण हो, सर्वत्र शांति का वातावरण बने, सब मिलजुल कर प्रेम भाव से रहें ऐसी मंगल कामना की गई

खबरों को शेयर कीजिए। धन्यवाद

Leave a Comment