टाइगर के आतंक से फिर दहला मानपुर क्षेत्र! जुदधु कोल को बनाया शिकार, सालभर, में दूसरी मौत
टाइगर के आतंक से फिर दहला मानपुर क्षेत्र! जुदधु कोल को बनाया शिकार, सालभर, में दूसरी मौत
उमरिया(अविरल गौतम) जिले के जनपद पंचायत मानपुर इंदवार थाना अंतर्गत ग्राम चनसुरा में टाइगर के हमले से एक और इंसान की जान चली गई। रविवार दोपहर 12 बजे जुदधु पिता फज्जी कोल (50 वर्ष) पर अचानक बाघ ने हमला कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों को वन क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी दी।
सालभर में दूसरी मौत, दहशत में ग्रामीण
गौरतलब है कि सालभर पहले इसी इलाके में भूरी बाई पति मेजाजी कोल पर भी टाइगर ने हमला किया था। उस घटना में बाघ महिला को जबड़े में दबाकर जंगल की ओर चला गया था, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी। अब एक और इंसानी मौत से गांव में भय और आक्रोश दोनों बढ़ गए हैं।
टाइगर अब भी आसपास, ग्रामीणों को एहतियात बरतने के निर्देश
वन विभाग की टीम का मानना है कि टाइगर घटना स्थल के आसपास ही मौजूद हो सकता है, इसलिए ग्रामीणों को जंगल में न जाने और सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। बताया जा रहा है कि घटना स्थल पनपथा बफर परिक्षेत्र के उत्तर पलझा बीट के पास, आरएफ 632 के करीब स्थित है, जहां बाघ का मूवमेंट पहले भी देखा गया है
ग्रामीणों में आक्रोश, सुरक्षा को लेकर सवाल
लगातार बढ़ते टाइगर हमलों से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और वन विभाग सिर्फ चेतावनी देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहा है, लेकिन बाघ से सुरक्षा के ठोस उपाय नहीं किए जा रहे।
अब सवाल यह उठता है कि क्या वन विभाग टाइगर के मूवमेंट पर नजर रख पाएगा? क्या इस क्षेत्र में मानव-बाघ संघर्ष को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे, या फिर ऐसे हमले लगातार जारी रहेंगे?
उमरिया(अविरल गौतम) जिले के जनपद पंचायत मानपुर इंदवार थाना अंतर्गत ग्राम चनसुरा में टाइगर के हमले से एक और इंसान की जान चली गई। रविवार दोपहर 12 बजे जुदधु पिता फज्जी कोल (50 वर्ष) पर अचानक बाघ ने हमला कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों को वन क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी दी
सालभर में दूसरी मौत, दहशत में ग्रामीण
गौरतलब है कि सालभर पहले इसी इलाके में भूरी बाई पति मेजाजी कोल पर भी टाइगर ने हमला किया था। उस घटना में बाघ महिला को जबड़े में दबाकर जंगल की ओर चला गया था, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी। अब एक और इंसानी मौत से गांव में भय और आक्रोश दोनों बढ़ गए हैं
टाइगर अब भी आसपास, ग्रामीणों को एहतियात बरतने के निर्देश
वन विभाग की टीम का मानना है कि टाइगर घटना स्थल के आसपास ही मौजूद हो सकता है, इसलिए ग्रामीणों को जंगल में न जाने और सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। बताया जा रहा है कि घटना स्थल पनपथा बफर परिक्षेत्र के उत्तर पलझा बीट के पास, आरएफ 632 के करीब स्थित है, जहां बाघ का मूवमेंट पहले भी देखा गया है
ग्रामीणों में आक्रोश, सुरक्षा को लेकर सवाल
लगातार बढ़ते टाइगर हमलों से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और वन विभाग सिर्फ चेतावनी देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहा है, लेकिन बाघ से सुरक्षा के ठोस उपाय नहीं किए जा रहे
अब सवाल यह उठता है कि क्या वन विभाग टाइगर के मूवमेंट पर नजर रख पाएगा? क्या इस क्षेत्र में मानव-बाघ संघर्ष को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे, या फिर ऐसे हमले लगातार जारी रहेंगे?