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दबंगई की हदें पार! आमाडांड खदान में ट्रांसपोर्ट कर्मी और मालिक को दी जान से मारने की धमकी, रामराज रजक के खिलाफ थाने में शिकायत

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दबंगई की हदें पार! आमाडांड खदान में ट्रांसपोर्ट कर्मी और मालिक को दी जान से मारने की धमकी, रामराज रजक के खिलाफ थाने में शिकायत

रामनगर, 9 जनवरी 2025
कोयले से लदी ज़िंदगी में जहां मजदूर खून-पसीना बहाकर रोज़गार का चूल्हा जलाते हैं, वहीं कुछ दबंग तत्व अपनी हनक और रसूख के दम पर इंसानियत और कानून दोनों को पैरों तले रौंदने में लगे हैं। ऐसा ही एक झकझोर देने वाला मामला रामनगर थाना क्षेत्र के आमाडांड ओपन कास्ट खदान से सामने आया है, जहां खुलेआम गाली-गलौज, धमकी और दहशत का तांडव मचा

फुलवारी टोला निवासी सुनील चौधरी, जो श्री गणेश ट्रांसपोर्ट में कार्यरत हैं और आमाडांड खदान के मुख्य गेट पर गाड़ियों की व्यवस्था देखते हैं, ने रामनगर थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि सुबह करीब 9 बजे ड्यूटी पर मौजूद रहने के दौरान भालूमाड़ा निवासी रामराज रजक अपने एक सहयोगी के साथ मौके पर आया और बदसलूकी पर उतर आया

सुनील चौधरी ने बताया, “रामराज रजक ने आते ही पर्ची की मांग की और कहा कि उसकी गाड़ी तुरंत अंदर लगाई जाए। मैंने नियम अनुसार बताया कि पहले से दस गाड़ियाँ लाइन में हैं, इस पर वह बुरी तरह भड़क गया और मुझे व मेरे सेठ आशीष मिश्रा को मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियाँ देने लगा। यही नहीं, उसने खुलेआम धमकी दी कि अगर उसकी गाड़ी नहीं लगी तो मेरे हाथ-पैर तोड़ देगा।”

डर और तनाव की स्थिति में सुनील ने तुरन्त अपने मालिक आशीष मिश्रा को फोन कर घटना की जानकारी दी, लेकिन बात यहीं नहीं रुकी। रामराज रजक ने फोन पर ही उनके सेठ को भी अपशब्द कहे और धमकाते हुए कहा – “अब आमाडांड में काम करके दिखा, अब सबक सिखाऊंगा!”

सुनील ने अपनी शिकायत में यह भी कहा, “मैं एक गरीब मजदूर हूं, मेहनत-मजदूरी से पेट पालता हूं। रामराज रजक इलाके का कुख्यात दबंग है। उसकी धमकियों से मैं और मेरे मालिक दोनों भयभीत हैं। अगर हमें कुछ होता है तो उसके जिम्मेदार सिर्फ रामराज रजक होंगे

घटना के बाद खदान क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। मजदूरों और ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों में गहरा रोष है। वे सवाल कर रहे हैं कि क्या अब कोयला खदान में अपनी ड्यूटी करना भी जोखिम बन गया है? क्या गरीब मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं?

वहीं मजदूर संगठनों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे दबंग तत्वों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई हो ताकि खदान क्षेत्र में कानून का राज स्थापित रह सके

अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस धमकीबाज़ी पर नकेल कसता है या फिर मजदूर वर्ग की आवाज़ एक बार फिर सिसकियों में दबकर रह जाएगी

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