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ओसीपी कोल यार्ड में लगी भीषण आग से करोड़ों का कोयला स्वाहा, छह माह से दी जा रही चेतावनी को किया गया नजरअंदाज

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ओसीपी कोल यार्ड में लगी भीषण आग से करोड़ों का कोयला स्वाहा, छह माह से दी जा रही चेतावनी को किया गया नजरअंदाज

कोतमा – कोल इंडिया की हह कंपनी एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र के जीवन दायिनी आमाडाड़ क्षेत्र स्थित ओसीपी (ओपन स्टोरेज पॉइंट) कोल यार्ड में 12 मई 2025 को एक भीषण आग लगने की घटना सामने आई, जिसमें वर्षों से जमा कोयले का बड़ा भंडार जलकर स्वाहा हो गया। आग बुझाने के सभी प्रयास विफल साबित हुए, जिससे कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है

जानकारी के अनुसार, आमंडाड़ ओसीपी में वर्षों से रखा गया करीब 3 लाख टन कोयला धीरे-धीरे गर्मी और रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण सुलग रहा था, जिसकी जानकारी कोयला मजदूर सभा ने कई बार पत्रों के माध्यम से प्रबंधन को दी थी। उन्होंने कोयले को समय रहते रोड सेल या गोविंदा साइटिंग के माध्यम से निकालने की मांग की थी। लेकिन प्रबंधन की अनदेखी के कारण यह संकट गहराता गया।

सूत्रों का कहना है कि पिछले कई महीनों से नीलकंठ कंपनी द्वारा पुराने स्टॉक को छोड़कर नया कोयला ही रोड सेल को भेजा जा रहा था। नीलकंठ का कोयला नहीं गिरने से रोड सेल ट्रांसपोर्टर और प्रबंधन के बीच विवाद की स्थिति बनी रही, जिससे कोयले की निकासी रुक गई।

घटना के दिन आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया, जिसका वीडियो भी सामने आया है, लेकिन तब तक कोल यार्ड का बड़ा हिस्सा आग की चपेट में आ चुका था। क्षेत्र में धुएं और बदबू का असर फैल चुका है, जिससे स्थानीय लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इस घटना से न केवल कंपनी को आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि पूरे राज्य को कोयले की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है। यदि इसी प्रकार ओसीपी में विसंगतियां चलती रहीं और उन पर रोक नहीं लगी, तो संगठन मजबूरन महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष आंदोलन और उच्च स्तर पर शिकायत करने के लिए बाध्य होगा।

कोयला मजदूर सभा ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

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