सेवा पर्व 2025 के दौरान प्रेरणादायी पेंटिंग कार्यशाला में रंगों के माध्यम से जीवंत हुआ “विकसित भारत का विज़न
सेवा पर्व 2025 के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में, “विकसित भारत का विज़न” विषय पर आधारित एक पेंटिंग कार्यशाला-सह-प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।एनएसएस कक्ष, प्रशासनिक भवन में सफलतापूर्वक किया गया। यह आयोजन छात्रों के लिए एक जीवंत मंच सिद्ध हुआ, जहाँ उन्होंने कला के माध्यम से एक प्रगतिशील और सशक्त भारत के प्रति अपनी आशाओं और दृष्टिकोण को सजीव अभिव्यक्ति दी।
यह कार्यक्रम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में सभी विभागों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, और अपनी कल्पनाओं, विचारों व आकांक्षाओं को रंगों और चित्रों के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। नवाचार, स्थायित्व, शिक्षा, एकता और समावेशी विकास जैसे विषयों को लेकर बनाई गईं कृतियाँ, भविष्य के भारत का सशक्त चित्रण थीं—ऐसा भारत, जिसकी कल्पना आज का युवा कर रहा है।
इस प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन डॉ. जयंत कुमार बेहरा (नोडल अधिकारी) के नेतृत्व में तथा एनएसएस कार्यक्रम अधिकारियों—डॉ. जानकी प्रसाद, डॉ. कुंजबिहारी सुलाखिया, डॉ. देवनारायण, और डॉ. अमृता सिंह के समर्पित समन्वय से किया गया। इन सभी की संयुक्त प्रयासों से यह आयोजन न केवल रचनात्मक दृष्टि से सफल रहा, बल्कि यह राष्ट्र दृष्टि और युवा सहभागिता का भी एक सशक्त उदाहरण बना।
हर चित्र में झलकती थी हरी ऊर्जा, डिजिटल परिवर्तन, ग्रामीण सशक्तिकरण और लैंगिक समानता जैसी महत्वपूर्ण अवधारणाएँ—और इन्हीं के माध्यम से उभरा “विकसित भारत” का वह सपना, जो आज के युवाओं की आँखों में संजोया गया है।
यह आयोजन राष्ट्र निर्माण में रचनात्मक अभिव्यक्ति की शक्ति का प्रमाण रहा, जिसने यह दर्शाया कि युवाओं की आज की तूलिका, कल के भारत की तस्वीर गढ़ने की क्षमता रखती है।
कार्यक्रम में बनाई गई चयनित उत्कृष्ट कृतियों की एक विशेष प्रदर्शनी आने वाले दिनों में आयोजित की जाएगी, जिससे व्यापक समुदाय इस प्रेरणादायी कार्यशाला में उभरे सशक्त विज़नों को देख सके।


















