धार में शराब का ठेका बना चर्चा का विषय, चौपाल पर हो रही है गहरी चर्चा
[ शैलेन्द्र जोशी ]
1 अप्रेल से धार जिले में 88 शराब की दुकानों को नए ठेकेदार संचालित करेंगें जिसको लेकर अनेक आशंकाएं भी जन्म ले रही हैं जिसमें जिले में कानून व्यवस्था महत्वपूर्ण मानी जा रही है
शराब से होने वाली राजस्व आय राज्य के वित्तीय कोष का प्रमुख आधार मानी जाती है हालांकि इससे होने वाली आय से कहीं ज्यादा नुकसान अवैध शराब की तस्करी से होता है प्रदेश के कई जिलों में अवैध शराब की तस्करी बड़े पैमाने पर होती आई है, जिसमें धार, झाबुआ, अलिराजपुर और बड़वानी जिले विशेष रूप से शामिल हैं, जहां से शराब गुजरात के ड्राई स्टेट में खपाई जाती है
इस बार धार जिले की 88 शराब दुकानों का ठेका खास चर्चा का विषय बन चुका है दरअसल, धार जिले की सभी शराब की दुकानों का ठेका इंदौर की “श्री शार्दुले ट्रेडिंग सर्विस” को मिला है पिछले कुछ सालों से जिले में स्थानीय ठेकेदारों ने सिंडिकेट बना कर शराब की दुकानों को संचालित किया था, लेकिन इस बार 1 अप्रैल से जिले की शराब दुकानों के संचालन का ठेका श्री शार्दुले रिटेल एंड ट्रेडिंग सर्विस एलएलपी को दिया गया है यह ठेका गत वर्ष से 20% अधिक, यानी करीब 480 करोड़ रूपए में मिला है
इस ठेके के साथ ही धार जिले के शराब बाजार में भारी बदलाव देखने को मिलेगा खास बात यह है कि इस बार ठेकेदार का नाम इंदौर देवास से जुड़ा हुआ है और इस पर चर्चा अब जिले भर में हो रही है
धार के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि इस ठेके को लेकर आबकारी विभाग भी असमंजस में है और वह इस पर किसी तरह की टिप्पणी करने से बच रहा है
सूत्रों की मानें तो इस ठेके के साथ राजनीतिक हलकों में भी चर्चाएं गर्म हैं । दिल्ली तक इस ठेके को लेकर शिकायतें किए जाने के भी समाचार है इस मामले में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है क्यों कि कई रसूखदारों के सामने आर्थिक नुकसान होने की संभावनाएं दिखाई दे रही है । धार जिले में शराब के इस ठेके को लेकर अब तक जो चर्चा हो रही है, उससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में धार जिला शराब का प्रमुख केंद्र के रूप में उभर सकता है
धार जिले में शराब का नया ठेका होने के साथ ही यहां के सहायक आबकारी आयुक्त विक्रमदीप सांगर को हटा दिया गया है , उनके स्थान पर उज्जैन के सहायक आबकारी आयुक्त राजनारायण सोनी को यहां पदस्थ किया गया है जो कहीं ना कहीं रसूखदार ठेकेदार की जमावट से देखा जा रहा है इसी प्रकार सहायक जिला आबकारी अधिकारी राजीव प्रसाद द्विवेदी तथा राधे श्याम राय को भी जिले से स्थांतरित कर दिया गया है बताया जा रहा है कि जिले के कुछ और आबकारी अधिकारी यहां से हटाये जा सकते हैं
इससे पूरी तरह से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंदौर और उज्जैन जैसे बड़े शहरों को छोड़कर, धार जिले में इस बार शराब के ठेके को लेकर जो राजनीति चल रही है, वह एक बड़े बदलाव का संकेत दे रही है । अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पर्दे के पीछे कौन से बड़े नेता और कारोबारी इस ठेके का फायदा उठाते हैं । बताया जाता है कि शराब के नए ठेके अगले 4 वर्षों तक स्थाई रहेंगे जिसकी जमावट ठेकेदार द्वारा यहां की जा रही है । यही नहीं ठेकेदार के लठैत भी 2 दिन पूर्व ही धार पहुंच गए हैं जो जिले में आबकारी अधिकारियों का काम का आसान करेंगे । और पुलिस का काम बढ़ाएंगे
धार जिले में इस मामले को लेकर हर चौपाल पर चर्चा हो रही है कि आने वाले दिनों में इस शराब के ठेके के साथ साथ और क्या घटनाक्रम सामने आता हैं यह तो आने वाला समय बताएगा