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उमरिया खुशियों की दास्तां मजदूर की बेटी की समूह से जुड़कर बदली तस्वीर एवं तकदीर

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उमरिया खुशियों की दास्तां
मजदूर की बेटी की समूह से जुड़कर बदली तस्वीर एवं तकदीर

रिपोर्टर हुकुम सिंह

उमरिया 4 मई आजीविका मिशन से जुडने के उपरांत मेरी आर्थिक स्थिति में वृद्धि हुई है आजीविका मिशन से जुड़ने से पहले मेरे पास कोई भी आय का स्त्रोत नहीं था परन्तु आजीविका मिशन से जुडने के बाद स्किल सीआरपी नियुक्त होने के उपरांत मैं अपने परिवार का भरण पोषण बहुत अच्छे ढंग से कर पा रही हूं। यह कहना है नीलम का नीलम ने बताया कि उनका जन्म ग्राम बमुरा शहडोल जिले में हुआ परिवार में 2 बहन एवं 2 भाई हैं पिता जी मजदूरी करते थे आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण पिताजी बहुत कठिनाई से हमारे परिवार का भरण पोषण कर पाते थे मैने छात्रावास में रहकर रघुराज स्कूल क्रमांक 2 शहडोल से कक्षा 12वीं तक शिक्षा प्राप्त की है परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण मैं आगे की पढाई नहीं कर पाई। 12वीं कक्षा पूर्ण करने के बाद मेरे पिताजी ने मेरा विवाह सन् 2014 में ग्राम मालाचुआ निवासी राकेश बसोर से कर दिया मेरे पति बालाजी नमकीन फैक्टरी गुजरात में काम करते हैं। जिसमें उन्हे 15000 रू. वेतन मिलता है जिससे हमारे परिवार का गुजारा चलता था। मेरा 1 लडका 9 वर्ष और 1 लडकी 6 वर्ष की है
नीलम ने बताया कि आजीविका मिशन के बारे में जानकारी प्राप्त होने के बाद सन् 2016 में आजीविका मिशन अंतर्गत समूह से जुडी एवं समूह से जुडने के बाद मुझे स्किल सीआरपी के रूप में नियुक्त किया गया मेरे द्वारा स्किल सीआरपी का कार्य किया जाने लगा स्किल के क्षेत्र में कार्य करते हुए मेरा संपर्क कई कंपनियों के मोब्लाईजर्स से हुआ। मेरे द्वारा अपने क्षेत्र की लगभग सभी ग्राम पंचायतों में मोब्लाईजेशन का कार्य किया जाने लगा मेरे द्वारा गांव के बेरोजगार युवको को मोब्लाईज कर उन्हें डीडीयूजीकेवाय एवं रोजगार मेला के माध्यम से अलग-अलग कम्पनियों में भेजकर रोजगार का अवसर प्रदान किया जाने लगा स्किल सीआरपी का कार्य करने पर मुझे आजीविका मिशन से स्किल सीआरपी का मानदेय प्रतिमाह लगभग 3000 रू- प्राप्त होने लगा मै वनोपज संग्रहण से माह में 2000 रू., कृषि कार्य से 5000 रू. , सिलाई से 3000 रू. कमा लेती हूँ जिससे घर चलाना बहुत आसान हो गया है अब मै खर्च के अतिरक्ति कुछ पैसे विपरीत परिस्थितियों के लिये बैंक में जमा कर रही हूँ उन्होने बताया कि जरूरत पड़ने पर मुझे समूह से केवल 1 प्रतिशत मासिक ब्याज दर से ऋण प्राप्त हो जाता हैं आजीविका मिशन से जुडकर मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार हुआ है, जिसकी कभी मैने कल्पना भी नहीं की थी मेरे द्वारा समूह एवं स्किल सीआरपी के कार्य से प्राप्त मानदेय को एकत्र कर अपने लिये स्कूटी ली हूं जिससे मैं स्वयं आत्मनिर्भर हो गई हूं आजीविका मिशन से जुडने के बाद मेरे अंदर नेतृत्व क्षमता का विकास हुआ जिससे मेरे द्वारा गांव गांव में जाकर मोब्लाईजेशन किया जा रहा हैं इसके लिए मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव, जिला प्रशासन उमरिया एवं अजीविका मिशन को धन्यवाद देती हूं

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