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सौतेले पुत्र ने जीवित वृद्धा को मृत बता बेची जमीन, तहसीलदार की संलिप्तता भी उजागर

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सौतेले पुत्र ने जीवित वृद्धा को मृत बता बेची जमीन, तहसीलदार की संलिप्तता भी उजागर

सूरजपुर:भैयाथान ब्लॉक अंतर्गत ग्राम करकोटी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक सौतेले पुत्र ने अपनी जीवित वृद्ध माता को मृत घोषित कर करोड़ों की भूमि को राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से हड़प लिया। पीड़िता शैलकुमारी दुबे ने कलेक्टर जनदर्शन, सूरजपुर में उपस्थित होकर इस गंभीर षड्यंत्र का खुलासा करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।शिकायत के अनुसार, ग्राम करकोटी, पटवारी हल्का नंबर 11 की निवासी शैलकुमारी दुबे ने 11 अगस्त 1976 को 0.405 हेक्टेयर भूमि (खसरा नंबर 45/3, जो पुनः क्रमांकित होकर 344 हुआ) खरीदी थी और तब से उस पर काबिज थीं। वर्ष 2016-17 में भूमि के नक्शे में त्रुटि और अवैध बटांकन होने पर उन्होंने तहसील कार्यालय, भैयाथान में शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर 12 दिसंबर 2022 को अनुविभागीय अधिकारी (SDM) भैयाथान ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था

उक्त निर्णय से असंतुष्ट होकर विष्णु कुशवाहा ने कलेक्टर न्यायालय में अपील दायर की जो अब भी विचाराधीन है। इसी बीच, शैलकुमारी दुबे के सौतेले पुत्र वीरेंद्र नाथ दुबे ने अपने पुत्र कमलेश दुबे के साथ मिलकर तहसीलदार संजय राठौर, उसके विश्वस्त सहयोगी शिवम दुबे व संजय के साथ साजिश रचते हुए शैलकुमारी को मृत घोषित कर उनकी भूमि का नामांतरण करवा लिया और उसे बेच भी दिया।
आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि इस जालसाजी के लिए 09 फरवरी 1967 का एक फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाया गया, जबकि शैलकुमारी दुबे ने उक्त भूमि वर्ष 1976 में खरीदी थी – अर्थात मृत्यु प्रमाण पत्र जमीन खरीद के लगभग 9 वर्ष पहले का है

पटवारी की दोहरी भूमिका

पीड़िता का कहना है कि चार माह पूर्व बटांकन संबंधी प्रतिवेदन हेतु पटवारी ने उनसे संपर्क किया था, जबकि बाद में उसी पटवारी द्वारा 1967 में उनकी मृत्यु का पंचनामा तैयार कर दिया गया। इससे सवाल उठता है कि किस दबाव में यह फर्जीवाड़ा किया गया

तहसीलदार की संदिग्ध भूमिका

पीड़िता ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि तहसीलदार संजय राठौर ने नियमों को ताक पर रखकर महज एक महीने में तीन पेशियों में नामांतरण की प्रक्रिया पूरी की और तीसरे दिन ही भूमि विक्रय के लिए चौहद्दी जारी कर दी – वह भी बिना किसी प्रतिवेदन या नोटिस के। इतना ही नहीं, संजय राठौर ने अपने विश्वस्त लोगों शिवम और संजय के नाम पर भूमि खरीद कर शैलकुमारी दुबे के सम्मिलात खाते की भूमि से संजय के नाम एग्रीमेंट तैयार करवाया और अपनी पत्नी शारदा राठौर के नाम 5 फरवरी 2025 को रजिस्ट्री भी करवा दी

शैलकुमारी दुबे ने आरोप लगाया कि तहसीलदार अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग कर जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है

अपराधी प्रवृत्ति का बेटा

सूत्रों के अनुसार, वीरेंद्र नाथ दुबे आदतन अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है और पूर्व में जेल भी जा चुका है। वह क्षेत्र में “नटवरलाल” के नाम से कुख्यात है

अब देखना यह है कि क्या एक वृद्ध महिला को न्याय मिलेगा और दोषियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई होगी या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में ही दफन होकर रह जाएगा

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