शहादत दिवस पर
शहीदे आजम सरदार भगत सिंह की प्रतिमा का अनावरणब्यूरो रिपोर्ट
ब्रजेश कहार, जिला नरसिंहपुर
, 6265049290मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे शिरकत
करेली। मात्र 23 वर्ष की आयु में देश के लिये शहादत देने वाले अमर शहीद सरदार भगत सिंघ को कल रविवार 23 मार्च को नगर पुण्यतिथि पर स्मरण करेगा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भगतसिंह की प्रतिमा का अनावरन भी करेंगे। गुरूसिंघ सभा करेली द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है विदित हो कि शहीद ए आजम भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को गाँव- बंगा, पंजाब (पाकिस्तान) में हुआ शहीदी 23 मार्च 1931 उम्र-23 वर्ष को लाहौर सेन्टल जेल, पंजाब (पाकिस्तान) में हुई भगत सिंघ का जन्म पंजाब प्रांत में लायपुर जिले के बंगा में 28 सितंबर 1907 को पिता किशन सिंघ और माता विद्यावती कौर के घर हुआ था। भगत सिंघ के पिता किशन सिंघ, चाचा अजीत सिंघ और स्वर्ण सिंध स्वतंत्रता सेनानी थे। भगत सिंघ की पढ़ाई लाहौर के डीएवी हाई स्कूल में हुई
13 अप्रैल 1919 को बैसाखी वाले दिन रौलट एक्ट के विरोध में देशवासियों की जलियांवाला बाग में सभा हुई। ब्रिटिश जनरल डायर के क्रूर और दमनकारी आदेशों के चलते निहत्थे लोगों पर अंग्रेजी सैनिकों ने ताबड़तोड़ गोलियों की बारिश कर दी। इस अत्याचार ने देशभर में क्रांति की आग को और भड़का दिया। 12 साल के भगत सिंह पर इस सामुहिक हत्याकांड का गहरा असर पड़ा। उन्होंने जलियांवाला बाग के रक्त रंजित धरती की कसम खाई कि अंग्रेजी सरकार के खिलाफ वह आजादी का बिगुल फूंकेंगे। उन्होंने लाहौर नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर ‘नौजवान भारत सभा’ की स्थापना कर डाली
भगत सिंघ ने सुखादेव और राजगुरु के साथ मिलकर काकोरी कांड को अंजाम दिया। भगत सिंघ ने राजगुरु के साथ मिलकर 17 दिसंबर 1928 को लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज अफसर जेपी सांडर्स को मारा था। इसमें चन्द्रशेखर आजाद ने उनकी पूरी सहायता की थी। क्रांतिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर भगत सिंघ ने अलीपुर रोड दिल्ली स्थित ब्रिटिश भारत की तत्कालीन सेंट्रल असेंबली के सभागार में 8 अप्रैल 1929 अगला को अंग्रेज सरकार को जगाने के लिये बम और पर्चे फेंके। भगत सिंह जन्म के समय एक सिखा थे, उन्होंने अपनी दाढ़ी मुंडवा ली और हत्या के लिए पहचाने जाने और गिरफ्तार होने से बचने के लिए अपने बाल काट लिए। वह लाहौर से कलकत्ता जाने में सफल रहे। भगत सिंघ का ‘इंकलाब जिंदाबाद’ नारा काफी प्रसिद्ध हुआ। वो हर भाषण और लेख में इसका जिक्र करते थे। भगत सिंघ को 7 अक्टूबर 1930 को मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसे उन्होंने साहस के साथ सुना। भगत सिंघ को 24 मार्च 1931 को फांसी देना तय किया गया था, लेकिन अंग्रेज इतना डरे हुए थे कि उन्हें 11 घंटे पहले ही 23 मार्च 1931 को उन्हें 7:30 बजे फांसी पर चढ़ा दिया गया
स्वतंत्रता संग्राम के महानायक भारत देश की आन वान शान शहीदे आजम सरदार भगत सिंह की 9 फुट की अष्ट धातु की की भव्य प्रतिमा का अनावरण मध्यप्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा 23 मार्च 2025 रविवार को पुरानी गल्ला मंडी करेली में शाम 5.30 बजे किया जावेगा
आकर्षक नाटक प्रस्तुति
आयोजन समिति गुरूद्वारा गुरूसिंघ सभा, दशमेश युवा समिति करेली, पंजाबी साहित्य अकादमी भोपाल व समस्त नगर वासी करेली ने आयोजन में सहभागिता की अपील की है। गुरूद्वारा गुरूसिंघ सभा ने बताया कि प्रतिमा अनावरण व नाटक प्रस्तुति अंतर्गत सरदार भगत सिंह का जीवन परिचय वक्ता सुच्चा सिंघ अरनो पटियाला वाले, भगत सिंघ के शहादत दिवस पर उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर नाट्य प्रस्तुति हरविंदर सिंघ पंजाबी रंगमंच पटियाला पंजाब द्वारा प्रस्तुत की जावेगी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री म. प्र. शासन, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रहलाद पटेल पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री म.प्र. शासन, विशिष्ट अतिथि दर्शन सिंह चौधरी सांसद नर्मदापुरम, कैलाश सोनी पूर्व राज्यसभा सांसद, जालम सिंह (पूर्व राज्यमंत्री म.प्र. शासन) हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू पूर्व राज्यमंत्री म.प्र. शासन, ब्रजेश राजपूत प्रधान संपादक विस्तार न्यूज, भारत, श्रीमति सुशीला ममार अध्यक्ष, न.पा.करेली, महेन्द्रर सिंघ वोहरा उपाध्यक्ष, एआईसीसी सिंख अल्पसंख्यक विभाग
रामस्नेही पाठक अध्यक्ष, जिला भा.ज.पा. नरसिंहपुर, नरेन्द्र राजपूत अध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी नरसिंहपुर आयरन लैडी गुरमीत कौर धनई (राष्ट्रीय सदस्य ग्रहमंत्रालय भारत सरकार) अजीत सिंघ नैय्यर (सीटू) (संभाग संयोजक पंजाबी साहित्य अकादमी) सहभागिता करेंगे