रेस्क्यू किंग’ रेंजर अर्पित मैराल पर साजिश के बादल, जनता और जंगल दोनों ने दिया भरोसे का प्रमाण पत्र
कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल बने रेंजर, शिकारियों पर कसे शिकंजे, जनता बोली— ‘हम उनके साथ हैं’
कृष्ण कुमार उपाध्याय मानपुर बांधवगढ़ उमरिया
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पतौर रेंज में पदस्थ रेंजर अर्पित मैराल इन दिनों चर्चा के केंद्र में हैं। एक ओर जहां वे अपने साहसिक रेस्क्यू अभियानों और कर्तव्यनिष्ठ कार्यशैली के लिए ‘रेस्क्यू किंग’ के रूप में सराहे जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ स्थानीय राजनीतिक तत्वों ने उन पर वन्यप्राणी अपराधों में लिप्त लोगों को संरक्षण देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि, इन आरोपों को जनता ने सिरे से खारिज कर रेंजर मैराल को भरपूर समर्थन दिया है।
रेस्क्यू अभियानों में रचा कीर्तिमान
रेंजर अर्पित मैराल के नेतृत्व में 2024-25 के दौरान कई हाई-प्रोफाइल वन्यजीव रेस्क्यू सफलतापूर्वक अंजाम दिए गए, जिनमें शामिल हैं:
जंगली हाथी: शहडोल में तीन लोगों की जान लेने वाले हाथी को पौड़ी रेंज से रेस्क्यू कर बांधवगढ़ लाया गया।
आक्रामक बाघिनें: कुशमाहा और बड़वाह बीट से हमलावर बाघिनों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।
‘छोटा भीम’ बाघ: शिकारी के फंदे में फंसे घायल नर बाघ को खितौली रेंज से सुरक्षित निकाला गया।
अन्य रेस्क्यू: माधव टाइगर रिजर्व, कटनी, मानपुर सहित कई क्षेत्रों से हाथी, बाघ और तेंदुए को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया।
शिकारियों के खिलाफ चला बुलडोजर
मैराल की अगुवाई में वन्यजीव शिकार के मामलों में कठोर कार्रवाई की गई:
पतौर, मानपुर, उमरिया सहित कई गांवों से दर्जनों शिकारी पकड़े गए और जेल भेजे गए।
अवैध उत्खनन में लिप्त ट्रैक्टर और वाहनों पर कार्रवाई कर प्रकरण दर्ज किए गए।
करंट से बाघ के शिकार जैसे गंभीर मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में प्रस्तुत किया गया।
जनता ने बताया ‘ईमानदार योद्धा’
जहां कुछ राजनीतिक तत्व रेंजर मैराल के विरुद्ध आरोप गढ़ने में जुटे हैं, वहीं आम नागरिकों, पर्यावरणविदों और वन्यजीव प्रेमियों ने उन्हें खुले समर्थन के साथ ‘वन संरक्षण का प्रहरी’ और ‘रेस्क्यू किंग’ जैसे विशेषणों से नवाजा है।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि— “जब भी कोई संकट आता है, रेंजर मैराल सबसे पहले मोर्चा संभालते हैं। उनकी कार्रवाई में पारदर्शिता और निष्ठा साफ झलकती है।”
कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी या साजिश का शिकार
विशेषज्ञों का मानना है कि वन्यजीव संरक्षण में कठोर निर्णय लेने वाले अधिकारियों को अकसर ऐसे राजनीतिक दबावों और साजिशों का सामना करना पड़ता है। रेंजर मैराल का अब तक का रिकॉर्ड साफ और प्रेरणादायक रहा है।
आशाएं कायम, विश्वास अडिग
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में रेंजर अर्पित मैराल की अगुवाई में संरक्षण संबंधी प्रयासों को नई दिशा मिली है। उनके नेतृत्व और साहस से यह उम्मीद की जा रही है कि जंगलों में न्याय, सुरक्षा और पारदर्शिता की मशाल आगे भी प्रज्ज्वलित रहेगी।