अस्पताल की लापरवाही आई सामने
( शैलेंद्र जोशी )
Anchor – संवेदनशील और सवाल खड़े करने वाली खबर मध्य प्रदेश के धार से, जहाँ सिस्टम की लापरवाही ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। आरोप है की धार में एक 13 साल की दुष्कर्म पीड़िता कों गर्भपात के लिए हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद, अस्पताल में दर-दर भटकना पड़ा कोर्ट ने सुबह 11 बजे तक गर्भपात कराने का स्पष्ट आदेश दिया था, लेकिन सिस्टम की बेरुखी के कारण पीड़िता को अस्पताल में समय पर इलाज नहीं मिल सका। पीड़िता के वकील ने नवनीत जैन आरोप लगाए की पीड़िता कों काफ़ी समय इंतजार करना पड़ा जिसके बाद मामले से केंद्रीय राज्य मंत्री और धार महूँ लोकसभा सांसद सांवित्री ठाकुर कों अवगत करवाया जिसके बाद पीड़िता कों गर्भपात के लिए इंदौर रेफर किया….
बाइट :-नवनीत जैन एडवोकेट पीड़िता
तस्वीरों में आप देख सकते है बच्ची का पिता हाथ जोड़कर अस्पताल प्रशासन से विनती करता रहा… लेकिन किसी ने नहीं सुनी। सवाल ये है — जब हाई कोर्ट का आदेश भी नहीं माना जाता, तो फिर न्याय की उम्मीद किससे की जाए?
वही इस मामले पर धार के जिला भोज अस्पताल की और बयान सामने आया जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ मुकुंद बर्मन ने बताया की लापरवाही के आरोप निराधार है पीड़िता अस्पताल में सुबह 12 बजे आई जिसके बाद तुरंत सभी जांचे की गई क्युकी माननीय हाई कोर्ट का आदेश था रिपोर्ट में पता चला दुष्कर्म पीड़िता सिकल सेल बीमारी से पीड़ित भी है लिहाजा गर्भपात धार में संभव नहीं लिहाजा इंदौर रेफर किया गया इस दौरान कई बार नियमानुसार 108 कों कॉल किया गया लेकिन समय पर गाड़ी नहीं होने के कारण देरी हुई सिविल सर्जन ने बताया 4 बजे मरीज कों इंदौर रेफर किया गया ताकि विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में तय गाइड लाइन के अनुसार सुरक्षित गर्भपात हो सके
बाइट :- डॉ मुकुंद बर्मन सिविल सर्जन धार