सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी आर गवई केउपर एक अधिवक्ता के द्वारा जूता फेंकना संविधान और संसद की अवमानना है -हरिद्वार सिंह
6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में अभूतपूर्व धटना घटी एक द़क्षिण पंथी वकील ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति बी आर गवई साहब के उपर जूते फेंके और कहा कि सनातन धर्म का अपमान हम बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं दरअसल वकील तो एक मोहरा है जितने भी आतंक बादियों का संगठन है चाहे हथियार बंद आतंकबादी हैं या बैचारिक आतंकबादीयों का संगठन हैं अपने अनुयायियों के दिमाग़ में रात दिन ज़हरीले बिचार धारा भर कर आत्मघाती बम तक बनने के लिए तैयार कर लेते हैं
राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी महाराष्ट्र के सुप्रसिद्ध बामपंथी नेता कामरेड गोबिंद पंसारे या कर्नाटक की सुप्रसिद्ध पत्रकार गौरी लंकेश की नफ़रत फैलाने वालों ने ही हत्या की या करवाई थी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के उपर एक अधिवक्ता के द्वारा जूता फेकना साधारण घटना नहीं है वह भी क़ानून के जानकार के द्वारा ऐसा घटिया कृत्य करना भारत के लचर क़ानून ब्वस्था एवं न्याय प्रणाली की दुर्बलता को ही उजागर करता है साथ ही साथ संविधान लागू होने के 75 वर्ष के बाद भी क्या देश में संविधान से उपर कुछ हो सकता है क्या भावना में बोलना अलग बात है किन्तु जूता से सर्बोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को मारने वाले वकील को मालूम है कि इतने बड़े अपराध की सज़ा फाँसी तो नहीं हो सकती है इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता है कि जिस दिन जेल से बाहर कथित अपराधी आएगा उस दिन कुछ लोगों के द्वारा उस अपराधी के छुटने की खुशी में मिठाइयाँ नहीं बाटी जाएगी कुछ लोग अधिक समय इन्हीं सब उन्मादी बातों का प्रचार सुनियोजित तरीक़े से करते हैं सारी संभावना होने के बाद भी भारत रोज़गार,महंगाई,आर्थिक एवं सामाजिक समानता के मामले में दुनियाँ में सबसे पिछड़ा है आँकड़े गवाह हैं कि कैसे अमीर अधिक अमीर हो रहे हैं और गरीब दिनों दिन गरीब हो रहे हैं क्योंकि भारत में धार्मिक अंधविश्वास,अफ़वाह फैलाने वाले झूठ का समर्थन करने वालों की संख्या भी कम नहीं है राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की गरिमा को दलित होने के कारण कमतर मुल्यांकन किया जाए तो भारत के लिए इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है यह संबिधान का अपमान है भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मध्य प्रदेश के उप राज्य सचिव प्रख्यात मज़दूर नेता कामरेड हरिद्वार सिंह ने समुची घटना की निंदा करते हुए कहा है कि हमें गर्व है कि हमारे नेता भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड डी राजा दलित हैं और पंजाब के चंडीगढ़ में राष्ट्रीय सम्मेलन में सर्व सम्मति से तीसरी बार राष्ट्रीय महासचिव चुने गए हैं कम्युनिस्ट पार्टी जाति धर्म से उपर उठकर काम करती है


















