सड़क के अभाव में नहीं पहुंच पाई एम्बुलेंस, दर्द से कराहती गर्भवती को परिजन ऐसे लेकर पहुंचे अस्पताल
बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट से प्रशासन के दावों की पोल खोलती एक तस्वीर सामने आई है। जो न केवल खोखले विकास की गवाही दे रही है, बल्कि चीखते बिलखते हुए यह सवाल कर रही है, कि आखिर यहां निवासरत लोगों का क्या कसूर है, जो मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी मोहताज नजर आ रहे हैं।
मामला बालाघाट जिले के अति नक्सल प्रभावित आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र का है। जहां आज भी लोग सड़क, बिजली, पानी सहित अन्य सुविधाओं के लिए तरस रहें है। यह तस्वीर उस गांव की दासतां बयां कर रही है, जहां सड़क के अभाव में एक प्रसूता को खाट के सहारे एम्बूलेंस तक पंहुचाया जा रहा है।
आलम यह है कि आज भी इन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निवासी आदिवासियों को सड़क तक नसीब नहीं हो रही है। आखिर यहां रह रहे लोगों का क्या कसूर है, जो विकास की मुख्य धारा से आज तक नहीं जुड़ पाए।