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शिक्षिका चंद्रकला पंत जनजातीय बेटियों को आत्मनिर्भरता की राह दिखाती एक प्रेरणास्रोत महिला

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महिला सशक्तिकरण के अवसर पर विशेष कहानी

 

शिक्षिका चंद्रकला पंत जनजातीय बेटियों को आत्मनिर्भरता की राह दिखाती एक प्रेरणास्रोत महिला

 

अनूपपुर 27 मई 2025/ अनूपपुर जिले की रहने वाली श्रीमती चंद्रकला पंत एक समर्पित शिक्षिका हैं, जिनका कार्य और संघर्ष महिला सशक्तिकरण की प्रेरक गाथा है। श्रीमती पंत जिले के शासकीय प्राथमिक विद्यालय मानपुर में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उन्हें बचपन से ही जनजातीय क्षेत्रों की सामाजिक एवं शैक्षणिक परिस्थितियों को करीब से देखने और समझने का अवसर मिला। तभी से उनके मन में यह संकल्प उभरा कि वह जनजातीय समाज के बच्चों, विशेषकर बालिकाओं को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाएंगी।

 

श्रीमती चंद्रकला पंत सन् 1989 से शिक्षक के रूप में कार्य कर रही हैं। उन्होंने अपनी रचनात्मकता का उपयोग करते हुए मिट्टी की गोलियां, माचिस की तीलियां और पत्तियां के माध्यम से गिनती, पहाड़े और अन्य बुनियादी शैक्षणिक बातें सिखानी शुरू की। इससे बच्चों को पढ़ाई में मजा आने लगा और स्कूल में उनकी उपस्थिति बढ़ने लगी।

 

उन्होंने सिर्फ बच्चों को नहीं, बल्कि उनके अभिभावकों को भी शिक्षा के प्रति जागरूक किया। रंगोली, चित्रकला, खेलकूद प्रतियोगिताओं के माध्यम से पूरे समुदाय को स्कूल से जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने घर-घर जाकर संपर्क किया, जिससे कई स्कूली वंचित बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ सके।

 

उनके नवाचार और समर्पण की कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली द्वारा भी सराहना की गई। उन्होंने विशेष रूप से बैगा और भारिया जैसी पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का महत्वपूर्ण कार्य किया। आज उनके पढ़ाए विद्यार्थी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।

 

श्रीमती चंद्रकला पंत ने केवल शिक्षा तक ही अपनी भूमिका सीमित नहीं रखी, बल्कि बाल विवाह की रोकथाम जैसे सामाजिक विषयों पर भी महत्वपूर्ण कार्य किया। उनका यह प्रयास रहा है कि जनजातीय बालिकाएं केवल शिक्षित ही नहीं, बल्कि सशक्त, आत्मनिर्भर और समाज के लिए प्रेरणा बनें।

 

श्रीमती पंत की यह जीवन यात्रा हमें सिखाती है कि महिला सशक्तिकरण केवल भाषणों या नारों से नहीं, बल्कि संवेदनशील कार्यों और सतत् प्रयासों से संभव है। वे न केवल एक शिक्षिका हैं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की वाहक हैं जिन्होंने अनगिनत जनजातीय बेटियों के जीवन को नई दिशा दी है।

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