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दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल के बच्चों ने राधा कृष्ण बन मोहा सबका मन।

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धूमधाम से मनाया गया श्री
कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व।

मनेन्द्रगढ़। नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की। इसी भावना से ओत-प्रोत होकर एमसीबी जिले के सर्वोच्च शिक्षा संस्थान ‘दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल’ में मित्रता, शिक्षा एवं जीवन दर्शन पर आधारित पर्व श्री कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्राचार्य एवं मुख्य अतिथि डॉक्टर बसन्त कुमार तिवारी द्वारा श्री कृष्ण की झांकी एवं प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कक्षा आठवीं के छात्र समर्थ ने इस विशेष पर्व की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज का दिन हमें यह शिक्षा देता है की ईश्वर सदैव धर्म के मार्ग पर चलने वाले का मार्गदर्शन करते हैं और उनकी रक्षा करते हुए प्रकाश की ओर ले जाते हैं। हम सदैव जन्माष्टमी की भावना अपने साथ लेकर चलें और जहां भी जायें प्यार, शांति और दया फैलाएं।
कक्षा केजी टू के नन्हे मुन्ने छात्र-छात्राओं द्वारा राधा- कृष्ण के स्वरूप में मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया जिससे सारी सभा श्री कृष्ण की भक्ति में मंत्रमुग्ध हो गई। इसके बाद कक्षा दूसरी के छात्र-छात्राओं द्वारा सुमधुर गीत ‘छोटी-छोटी गइया’ की गायन प्रस्तुति दी गई और सारे माहौल को भक्तिमय कर दिया। प्राचार्य डॉक्टर बसंत कुमार तिवारी द्वारा विद्यालय परिवार को संबोधित करते हुए कहा गया की श्री कृष्ण एक परिवर्तनकारी युग पुरुष हैं जिनकी क्रांति में भी शांति के छंद थे। विध्वंस में भी महा सृजन का उद्घोष था। उन्होंने महाभारत में महान भारत का चित्र गढ़ा, जिनकी लीलाओं में अध्यात्म का सरसतम सार और सामाजिक परिवर्तन का दिव्य शंखनाद छुपा था। श्री कृष्ण ऐसे युग पुरुष थे जिन्होंने धर्म में नारी की महत्ता को बड़ी ही प्रबल तरीके से स्थापित किया है। हमें सदैव श्री कृष्ण द्वारा स्थापित मार्ग पर चलना चाहिये एवं श्री कृष्ण के शाश्वत ज्ञान का संदेश प्रेषित करना चाहिये।

कार्यक्रम में कक्षा पांचवी के विद्यार्थियों द्वारा राधा – कृष्ण की झांकी प्रस्तुत की गई और आज के हर्षित एवं दिव्य अवसर पर विमोही एवं चित्तकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी। श्री कृष्ण की बाल लीलाओं में प्रमुख लीला मटकी फोड़ की भी है। इसके द्वारा श्री कृष्ण और उनके बाल सखाओं द्वारा मथुरा में किये जा रहे दमन का विरोध किया गया था। उन्होंने मटकी फोड़ कर यह प्रदर्शित किया था कि गोकुल के ग्वाल बाल अगर कुपोषित हैं तो वह गोकुल के माखन को मथुरा के दरबार में नहीं जाने देंगे। इसी घटना के संस्मरण में क्रीड़ा परिसर में विद्यालय के चारों सदनों द्वारा मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे टैगोर सदन प्रथम स्थान पर शोभायमान हुई।
संस्था की निदेशिका श्रीमति पूनम सिंह द्वारा इस विशेष अवसर पर अपने संदेश में कहा गया कि हम जन्माष्टमी के दिन केवल भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव नहीं मनाते हैं अपितु उनके द्वारा सिखाये गए मूल्य को भी आत्मसात करते हैं। यह पर्व प्रेम,धार्मिकता और अपने कर्तव्य पालन के महत्व को सिखाता है। विद्यार्थी जीवन श्री कृष्ण की शिक्षाओं पर चिंतन करने और उनके दिव्य गुणों को अपनाने का श्रेष्ठ समय है। भगवान इस धरती पर हम सब का मार्गदर्शन करने के लिए अवतरित हुए हैं। हमें सदैव उनके पद चिन्हों पर चलते हुए अपने जीवन में सत्य, अहिंसा धर्म का पालन करना चाहिए।

इस विशेष कार्यक्रम का समापन श्री कृष्ण की आरती एवं राष्ट्रगान के साथ किया गया।

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