राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर
डी डब्ल्यू पी एस में विद्यार्थियों ने जताया डॉक्टरों के प्रति आभार
एमसीबी/मनेन्द्रगढ़। दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर एक प्रेरणादायक और संवेदनशील कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने समाज के निस्वार्थ सेवकों चिकित्सकों के प्रति आभार प्रकट किया और उनके कार्यों को सराहा।
विद्यालय परिसर में आयोजित विशेष प्रातःकालीन सभा की शुरुआत कक्षा पाँचवी के छात्र-छात्राओं द्वारा की गई। छात्रा माया ने इस अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए डॉक्टरों की सेवा भावना को नमन किया। इसके बाद विज्ञान संकाय की शिक्षिका सुश्री सृष्टि सिंह ने बच्चों को इस दिवस के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 की थीम “Behind the Mask: Who Heals the Healers” इस बात पर बल देती है कि चिकित्सकों के लिए भी भावनात्मक और मानसिक सहयोग उतना ही जरूरी है।
सुश्री सिंह ने बच्चों को डॉक्टर विधान चंद्र रॉय के जीवन और योगदान की जानकारी दी जिनकी स्मृति में यह दिन मनाया जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सेवा, समर्पण और करुणा से जुड़े इस महान पेशे की ओर प्रेरित किया।
इस अवसर पर कक्षा 6वीं से 9वीं तक के छात्र-छात्राओं ने अपने शिक्षकों के साथ नगर के प्रतिष्ठित चिकित्सकों से मुलाकात की। इनमें डॉ. अविनाश खरे (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मनेन्द्रगढ़ और डॉ. परवेज़ खान (संस्थापक, एस.पी.एम. नर्सिंग होम),अंशुल सिंह (संस्थापक श्री राम आई हॉस्पिटल ) जैसे प्रमुख नाम शामिल रहे। बच्चों ने अपने हाथों से बनाए गए शिल्प-पत्रकों के माध्यम से डॉक्टरों को बधाइयाँ दीं और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। चिकित्सकों ने भी बच्चों से मिलकर खुशी जाहिर की और उन्हें छोटे-छोटे उपहार देकर प्रोत्साहित किया।
विद्यालय की निदेशिका श्रीमती पूनम सिंह ने इस मौके पर कहा की डॉक्टर सिर्फ एक पेशेवर नहीं बल्कि समाज के लिए एक जीवनदाता होते हैं। कोविड-19 जैसे संकट में उन्होंने अपने जीवन की परवाह किये बिना दूसरों की जान बचाई। हमें सदैव उनके योगदान को सम्मान देना चाहिए। उन्होंने बच्चों से डॉक्टरों के महत्व को समझने और उनके प्रति संवेदनशीलता रखने की अपील की। प्राचार्य डॉ. बसंत कुमार तिवारी ने कार्यक्रम के समापन पर कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों में स्वास्थ्य, सेवा और सामाजिक जागरूकता की भावना विकसित करना है। उन्होंने शिक्षक शिक्षिकाओं और विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। यह आयोजन ना केवल एक सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधि था बल्कि बच्चों के भीतर मानवता, सेवा और सम्मान की भावना को भी प्रगाढ़ करने वाला रहा।