श्री नर्मदा महापुराण कथा सप्त दिवसीय शांति कुटी में हुई प्रारंभ
शांति कुटी से नर्मदा मंदिर तक निकाली गई शोभायात्रा
संवाददाता – श्रवण उपाध्याय
अमरकंटक – मां नर्मदा की उद्गम स्थली/पवित्र नगरी अमरकंटक के पावन तट रामघाट के सामने उत्तर तट शांति कुटी आश्रम में दिन गुरुवार से रोजाना भक्ति , संगीत और आस्था का अद्भुत संगम गूंजेगा । शांति कुटी आश्रम में “हर हर नर्मदे” के जयघोष से पूरे वातावरण में आस्था की मधुर ध्वनि प्रवाहित हुई
अमरकंटक क्षेत्र का वातावरण इन सात दिनों तक अलौकिक , आध्यात्मिक आभा से आलोकित रहेगा । कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि दिन गुरुवार 23 अक्टूबर से यहां सप्तदिवसीय श्री नर्मदा महापुराण कथा का मंगलारंभ हुआ है जो 29 अक्टूबर (अष्टमी तिथि) तक लगातार प्रवाह होती रहेगी
कथा का यह दिव्य आयोजन मीरा गोस्वामी , शरद गोस्वामी , श्रीमती प्राची वैभव मिश्रा एवं श्रीमती उमा वीरेंद्र मिश्रा द्वारा अपने भ्राता स्वर्गीय देवकीनंदन गोस्वामी की पावन स्मृति में संपन्न कराया जा रहा है । इस कथा का संगीतमय , रसपूर्ण अमृतवर्षा सागर (म.प्र.) के मगरोन से पधारे सुप्रसिद्ध कथा वाचक एवं गौसेवक पंडित बृजेश दुबे महाराज अपने मधुर कंठ से कथा का श्रवण करा रहे है
कथा के पूर्व आश्रम से एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई
गाजे-बाजों , शंखध्वनि और हर हर नर्मदे के जयघोषों के साथ भक्तों की टोलियाँ मां नर्मदा के उद्गम स्थल की ओर बढ़ीं । सुहावने भक्ति वातावरण में सजी महिलाएँ , पारंपरिक वेशभूषा में कलश धारण कर नाचती-गाती , भजनों की मधुर लहरियों में महिलाएं , भक्तगण लीन रहीं । नर्मदा उद्गम कुंड मंदिर पहुंचकर विधिपूर्वक कलश पूजन एवं नर्मदा पुराण की आराधना संपन्न हुई । तत्पश्चात शोभायात्रा पुनः वापस शांति कुटी आश्रम लौटी जहाँ आरती और मंगलध्वनि के साथ कलश की स्थापना हुई और फिर कथा का शुभारंभ हुआ
आश्रम प्रांगण में हर दिशा से भक्ति की सुगंध , दीपों की आभा और मां नर्मदा की कृपा झलक रही है । कथा श्रवण के समय भक्तजन भाव-विभोर होकर मां नर्मदा के चरणों में अपने हृदय अर्पित कर रहे हैं
यह सप्तदिवसीय श्री नर्मदा महापुराण कथा 29 अक्टूबर को पूर्णाहुति , हवन और महाभंडारे के साथ संपन्न होगी ।
गोस्वामी परिवार ने नगरवासियों , भक्तजनों और तीर्थयात्रियों से हृदय से निवेदन किया है कि वे समय पर उपस्थित होकर इस संगीतमय आध्यात्मिक अमृत कथा का श्रवण करें और अपने जीवन को नर्मदा मय बना लें ।
“नर्मदा उद्गम की धरती पर गूंजी भक्ति की स्वर-लहरियाँ — हर हर नर्मदे से शांति कुटी आश्रम के श्रीमहंत स्वामी रामभूषण दास जी महाराज ने बताया कि श्री नर्मदा महापुराण कथा” भक्ति और आस्था का रसपान है । मां नर्मदा की कथा आध्यात्मिक साधना , जीवन दर्शन का अद्भुत दर्शन है । कथा से व्यक्ति अंतर्यात्रा से पथ पर अग्रसर होता है


















