खदान हादसे में आर्केटीसी कंपनी, एसईसीएल प्रबंधन और डीजीएमएस पर गंभीर आरोप
22 दिन बाद मृतक चालक के भाई ने दर्ज कराई शिकायत, कहा— कंपनी की लापरवाही से गई जान
शहडोल
साइरन इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (आर्केटीसी) कंपनी द्वारा एसईसीएल के सहयोग से संचालित बंद कोयला खदान उमरिया ओपन कास्ट माइंस में 11 अक्टूबर की शाम हुए हादसे में हौंडा चालक अनिल कुशवाह की मौत के 22 दिन बाद मृतक के बड़े भाई सुनील कुशवाह ने सोहागपुर थाने में कंपनी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है
शिकायत में कहा गया है कि दुर्घटना के समय तेज बारिश के कारण मिट्टी धंसने से वाहन 90 फीट गहरे पानी में चला गया, लेकिन कंपनी और प्रबंधन की लापरवाही से तत्काल बचाव कार्य नहीं किया गया। अगर समय रहते बचाव किया जाता तो अनिल की जान बचाई जा सकती थी
परिजनों ने आरोप लगाया है कि आर्केटीसी कंपनी के सुपरवाइजर, सुपरवाइजर जनरल मैनेजर अजय यादव, एसईसीएल के प्रबंधन अधिकारी और डीजीएमएस के संबंधित अधिकारी इस घटना के लिए सीधे जिम्मेदार हैं। मृतक के भाई ने दोषियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 106, 110, 3(5) तथा खनन अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है
शिकायतकर्ता ने कहा कि हादसे वाले दिन ओपन कास्ट माइंस में कार्यरत मजदूरों ने सुरक्षा संबंधी एहतियात बरते जाने की मांग की थी, लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने अनदेखी की। नतीजतन, बारिश के बाद भारी मात्रा में गीली मिट्टी खिसककर वाहन सहित चालक को निगल गई
परिजनों का आरोप है कि डीजीएमएस और एसईसीएल अधिकारी हादसे के बाद भी घटनास्थल की सुरक्षा जांच में लापरवाही बरतते रहे, जिससे अन्य मजदूरों में भी भय का माहौल बना हुआ है
स्थानीय लोगों का कहना है कि कंपनी द्वारा नियमों का पालन किए बिना खनन कार्य करवाया जा रहा था। घटना के बाद बचाव अभियान में देरी, जिम्मेदार अधिकारियों की अनुपस्थिति और रिपोर्ट दबाने के प्रयास ने पीड़ित परिवार के जख्म और गहरे कर दिए हैं
पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री और कोयला मंत्रालय से पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की भी अपील की है


















