रिपोर्टर अबरार पठान
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जगत्गुरु श्री गुरुनानक देवजी के प्रकाश पर्व के निमित्त निकले नगर कीर्तन का
खरगोन। सतगुरु नानक परगट्या मिटी धुंध जग चानन होया.., जोयकर सूरज निकलिया तारे छपे अंधेर पलोआ, परगट भाई सगले जुग अंतर गुरु नानक कि वाडियाई..,जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल.. जैसे शबद, गुरुवाणी और जयकारे मंगलवार को शहर के मुख्यमार्ग गूंजायमान होते रहे। अवसर था जगत्गुरु श्री गुरुनानक देवजी के प्रकाश पर्व के निमित्त निकले नगर कीर्तन का।
गुरुसिंघ सभा द्वारा गुरुपर्व भक्ति भाव से मनाया जा रहा है। फूलों से सुज्जित बग्घी में विराजित गुरुग्रथ साहिब की छत्रछाया में दोपहर 3 बजे तिलक पथ स्थित श्री गुरुग्रंथ साहेब से नगर कीर्तन की शुरुआत हुई। पंच प्यारे हाथो में तलवार और धर्मध्वजा लिए चल रहे थे।
सेकेटरी कमलजीत सिंह गांधी ने बताया गुरुग्रंथ साहिब की पालकी के आगे. आगे समाज के महिला. पुरुष और बच्चे हाथों में झाडू लिए मार्ग पर सफाई कर स्वच्छता का संदेश दे रहे थे। आमजन को परेशानी ना हो इसके लिए समाजजन भी व्यवस्थाएं संभालते दिखाई दिए।
नगर कीर्तन जिस. जिस मार्ग से गुजरा वहां रास्तेभर राहगिरों एवं रहवासियों ने गुरुग्रंथ साहेब के आगे नतमत्सक होकर उनके दर्शन कर आशीर्वाद लिया। संगत ने शबद कीर्तन से गुरु का जसगान किया। नगर कीर्तन का जगह-जगह मंच लगाकर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।


















