राम मंदिर परिसर में सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए प्रशासन से अनुमति के साथ ट्रस्ट की शर्तों का करना होगा पालन
मनेन्द्रगढ़। श्री राम मंदिर परिसर में किसी संस्था के द्वारा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजन के लिये एसडीएम एवं थाना प्रभारी से अनुमति प्राप्त करने के बाद ट्रस्ट की अनुमति प्राप्त करना होगा साथ ही ट्रस्ट की शर्तों का भी पालन करना होगा।
उक्त बातें श्री राम मंदिर एवं गांधी पार्क ट्रस्ट के सचिव रघुनाथ पोद्दार रविवार को मनेंद्रगढ़ में श्रीराम मंदिर एवं गांधी पार्क ट्रस्ट के द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही। मंदिर परिसर में सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए ट्रस्ट की शर्तों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि आयोजन समिति को छग राज्य विद्युत मंडल से अस्थायी विद्युत कनेक्शन प्राप्त करना होगा। मंदिर बंद होने के उपरांत परिसर में ध्वनि विस्तारक यंत्र सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशानुसार वर्जित होगा।
आयोजक के द्वारा अग्निशमन यंत्र की समुचित व्यवस्था करनी होगी साथ ही ट्रस्ट द्वारा लगाई गई अन्य शर्तों का भी पालन करना होगा। आगे उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के बाद निर्णय लिया गया और
जिसमें मुख्य रूप से अगले माह पदाधिकारियों के कार्यकाल समाप्ति के बाद 6 अक्टूबर को चुनाव कराया जाएगा जिसके निर्वाचन अधिकारी किशन लाल अग्रवाल होंगे। श्रीराम मंदिर में मंदिर की सेवा के लिये 2 सहायक पुजारियों की नियुक्ति की गई है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि वर्ष भर में जितने भी हिंदू धर्म के त्यौहार मनाए जाते हैं, वे सभी त्यौहार श्रीराम मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर परिसर में आयोजित किए जाएंगे।
सचिव पोद्दार ने आगे बताया कि श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के पास लगभग 18 हजार वर्गफुट भूमि है। कमेटी द्वारा एक मास्टर प्लान बनाया गया है, जिसके तहत मंदिर में भविष्य में एक-एक चीज का निश्चित स्थान पर निर्माण कराया जाएगा,
जिससे मंदिर परिसर व्यवस्थित होने के साथ सुंदर दिखे। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के विस्तार को लेकर निर्णय लिया गया है। ट्रस्ट में नए सदस्यों को हर वर्ग हर समुदाय के लोगों को जोड़ा जाएगा। सदस्यों की कार्यशैली को देखकर आगे ट्रस्टी के रूप में शामिल किया जाएगा। प्रेस वार्ता के दौरान श्री राम मंदिर एवं गांधी पार्क ट्रस्ट के अध्यक्ष किशन लाल अग्रवाल, व्यवस्थापक विजय केशरवानी, ट्रस्टी रमेश सिंह, नारायण दास रोचलानी, शिव गुप्ता, विजय नारायण जायसवाल, जवाहर जैन, मधु पोद्दार, अरविंद सर्राफ एवं रूपेश अग्रवाल उपस्थित रहे।