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किसान और हम्माल विवाद के चलते डबरा मंडी में ठप हुई खरीदारी

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  • आक्रोशित पल्लेदारों ने गेट पर लगाया जाम

संवाददाता: भरत रावत
स्थान: डबरा, मध्यप्रदेश

 डबरा की कृषि उपज मंडी विवादों का गढ़ बन चुकी है। यहां आये दिन किसान, पल्लेदार, व्यापारी और मंडी प्रशासन के बीच टकराव होते रहते हैं, परंतु आज का मामला बेकाबू हो गया। सुबह अंधेरे में 5:00 बजे शुरू हुई नीलामी और खरीदी के बाद मंडी में तौल शुरू हो चुकी थी। इसी बीच हम्माल दाताराम और एक किसान के बीच ट्रॉली की तौल प्राथमिकता को लेकर तीखी नोकझोंक हो गई, जो जल्द ही हाथापाई में तब्दील हो गई। इस मारपीट से नाराज पल्लेदारों ने मंडी में हड़ताल की घोषणा कर दी और मंडी के मुख्य द्वार पर जाम लगा दिया, जिसके चलते मंडी की सभी गतिविधियां ठप हो गईं। 5 घंटे के लंबे प्रदर्शन के दौरान न तो मंडी प्रशासन ने हालात संभाले, और न ही मंडी सचिव का कोई अता-पता रहा।

विवाद शांत कराने के लिए पुलिस ने हस्तक्षेप किया, प्रशासन की तरफ से घायल पल्लेदार दाताराम को मामूली राहत राशि का आश्वासन दिया गया है, जिसके बाद देहात थाने में मामला दर्ज हुआ जिसके बाद पल्लेदार वापस काम पर लौटे।

वहीं पर डबरा एसडीएम दिव्यांशु चौधरी द्वारा नीलामी का समय सुबह 7:00 बजे निर्धारित है, लेकिन मंडी प्रशासन और व्यापारियों की मनमानी के कारण मंडी अंधेरे में ही सुबह 5:00 बजे शुरू हो जाती है। पल्लेदारों का कहना है कि मंडी का नीलामी समय सुबह 8:00 बजे होना चाहिए ताकि उन्हें व्यवस्थित रूप से काम मिल सके। मंडी में अक्सर नीलामी प्रक्रिया केवल दिखावे के लिए होती है, असल में फसल की खरीदी मंडी के बाहर बैठे व्यापारियों और बिचौलियों के बीच तय होती है। इसके बाद किसान जब अपनी ट्रॉली लेकर तौल के लिए पहुँचता है, तो फसल में खराबी बताकर कीमत में कटौती की जाती है, जिससे किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। हैरानी की बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान मंडी प्रशासन और मंडी सचिव अनिल शर्मा नदारद रहते हैं, जिससे मंडी में रोजाना विवाद की स्थिति बनती है।

डबरा मंडी में स्थायी मंडी सचिव की अनुपस्थिति में मंडी का प्रभार सेवढ़ा मंडी में पदस्थ अनिल शर्मा के पास है। कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना की विशेष कृपा के चलते अनिल शर्मा को दोनों मंडियों का प्रभार सौंपा गया है। प्रशासन की उदासीनता के कारण डबरा मंडी में नियमित समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, और कोई स्थायित्व न होने के कारण मंडी का भ्रष्टाचार और अनियमितताएं चरम पर हैं।

बाइट 1: टीकाराम हम्माल, तुलावटी सदस्य एवं पल्लेदारों के लीडर

 

बाइट 2: विवेक शर्मा, एसडीओपी, डबरा

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