टेकनपुर बीएसएफ अकादमी में इतिहास रचने की तैयारी — जांबाज और भवानी टीम बनाएंगी 15 विश्व कीर्तिमान
संवाददाता, भरत रावत, डबरा,
डबरा के टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी इस समय इतिहास रचने की तैयारी में जुटी है। वीरांगना लक्ष्मीबाई परेड ग्राउंड में बीएसएफ की जांबाज मोटरसाइकिल टीम और सीमा भवानी महिला राइडर्स टीम अपने अद्भुत साहस, अनुशासन और कौशल के दम पर पंद्रह नए विश्व कीर्तिमान बनाने जा रही हैं। यह आयोजन न केवल बीएसएफ के पराक्रम का प्रतीक है, बल्कि भारत के जवानों के समर्पण, संतुलन और तकनीकी दक्षता का प्रदर्शन भी है। बाइकों की गड़गड़ाहट और राइडर्स के आत्मविश्वास से पूरा ग्राउंड देशभक्ति की भावना से गूंज उठा है। हर राइडर के चेहरे पर जोश है, आंखों में लक्ष्य है और मन में यह संकल्प कि भारत का नाम विश्व पटल पर फिर एक बार सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो। यह आयोजन गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन सीमा सुरक्षा बल द्वारा आयोजित किया जा रहा है और इसकी अगुवाई बीएसएफ उप महानिरीक्षक डॉ. च्यवन प्रकाश मीणा कर रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में टेकनपुर के ये जांबाज अब यह साबित करने जा रहे हैं कि भारतीय जवान न केवल सीमा की रक्षा में, बल्कि विश्व रिकॉर्ड बनाने में भी सबसे आगे हैं।
गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत सीमा सुरक्षा बल (BSF) का केंद्रीय मोटर गाड़ी प्रशिक्षण स्कूल — सीएसएमटी टेकनपुर, ग्वालियर — इन दिनों तैयारियों के अंतिम चरण में है।
यह आयोजन उप महानिरीक्षक डॉ. च्यवन प्रकाश मीणा के निर्देशन में किया जा रहा है, जिन्होंने एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स कार्यालय को पत्र भेजकर इन सभी स्टंट्स को मान्यता दिलाने की प्रक्रिया शुरू की है।
28 अक्टूबर से 7 नवंबर 2025 तक चलने वाले इस आयोजन में बीएसएफ की जांबाज मोटरसाइकिल टीम और सीमा भवानी महिला राइडर्स टीम मिलकर 15 नए रिकॉर्ड स्थापित करने जा रही हैं।
वीरांगना लक्ष्मीबाई परेड ग्राउंड में रॉयल एनफील्ड 350 सीसी मोटरसाइकिल पर यह रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन होगा।
स्टंट्स की सूची में “लॉन्गेस्ट हैंड फ्री राइड”, “लॉन्गेस्ट टैंडम राइड ऑन पोल”, “फिगर ऑफ एट राइड”, “चेयर राइडिंग”, “बैक राइडिंग” और “क्रॉस मडगार्ड पोज़िशन राइडिंग” जैसे कई रोमांचक करतब शामिल हैं।
बीएसएफ की 69 से अधिक राइडर्स की टीम — जिनमें महिला राइडर्स भी शामिल हैं — इन अद्भुत प्रदर्शन के लिए दिन-रात अभ्यास कर रही है।
बीएसएफ निरीक्षक विश्वजीत भाटिया के नेतृत्व में यह आयोजन अत्यंत अनुशासित और सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा रहा है।
भाटिया के मार्गदर्शन में राइडर्स न सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी कर रहे हैं, बल्कि दुनिया के सामने भारतीय सीमा सुरक्षा बल की दक्षता और साहस का प्रदर्शन करने वाले हैं।
कार्यक्रम में दिल्ली और फरीदाबाद से एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम भी मौजूद रहेगी, जो तीन रिकॉर्ड्स को मौके पर मान्यता देगी, जबकि शेष बारह रिकॉर्ड्स को बीएसएफ द्वारा प्रस्तुत प्रमाणों के आधार पर प्रमाणित किया जाएगा।
इस ऐतिहासिक आयोजन की निगरानी बीएसएफ अकादमी ग्वालियर के निदेशक डॉ. शमशेर सिंह (आईपीएस) और बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी (आईपीएस) स्वयं कर रहे हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य केवल विश्व रिकॉर्ड बनाना नहीं, बल्कि देश के जवानों में आत्मविश्वास, एकता और समर्पण की भावना को और मजबूत करना भी है।
जब बीएसएफ के ये जांबाज बिना हैंडल पकड़े, या 12 फीट ऊंचे पोल पर खड़े होकर मोटरसाइकिल दौड़ाएंगे — तो यह केवल एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि भारत की वीरता, संतुलन और अनुशासन की मिसाल बन जाएगा।
यह आयोजन न केवल देश के लिए गौरव का विषय है, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा भी है जो सीमाओं की रक्षा के इस कठिन और गर्वित दायित्व का हिस्सा बनना चाहते हैं।


















