विजय तिवारी
शहडोल। आमतौर पर अक्सर रेत के उत्खनन और परिवहन का विरोध करते देखा या सुना जाता है, किंतु मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में ठीक इसके उलट हो रहा है। यहां रेत के कारोबार के समर्थन में तीन पंचायतों के सरपंच सहित ग्रामीण सड़क पर उतर कर रेत के कारोबार का समर्थन कर नेताओं का विरोध किया।
बताया जाता है कि जिले के जनपद पंचायत बुढ़ार के ग्राम पंचायत चंदपुर पंचायत के लुकामपुर कुनूक नदी में ग्लोबल सहकार कंपनी की रेत खदान ठेका है। इस खदान ने क्षेत्र के ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिया है, जो कि क्षेत्र के कुछ नेताओं को यह नागवार गुजर रहा है। यहां कुछ कथित नेता विरोध करते हुए रेत की खदान को बंद कराने में आमादा है। इसी बात से नाराज ग्राम पंचायत कोलुहा सरपंच धन्नू कोल, भोगडा पंचायत सरपंच नागेश्वरी सिंह, चंदपुर पंचायत सरपंच शिव प्रसाद सहित ग्रामीणों ने रेत खदान के समीप नेताओं की इस हरकत का विरोध किया।
आदिवासी सरपंचों ने बताया कि पेशा एक्ट के तहत प्रस्ताव पास कराकर खदान स्वीकृत के लिए भेजा था। अब जब खदान चालू हो गई पीएम आवास व अन्य विकास कार्यों के लिए रेत लगभग फ्री में मिल रही है, तो कथित नेताओं के पेट दर्द क्यों हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जो खदान संचालक क्षेत्र के बेरोजगारो को रोजगार दे रही, उस रेत खदान को किसी कीमत पर बंद नहीं होने देंगे, उसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े।