शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे से किसानों की परेशानी आमरण अनशन पर बैठे पंचराम कोल
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे के कारण किसानों को आने-जाने में गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे को लेकर किसानों ने कई बार आवेदन और निवेदन किया, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसके चलते पंचराम कोल जैसे किसानों की धान उनके घर से नहीं उठ पाई है। विवश होकर पंचराम कोल ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है और अपने साथ-साथ अन्य किसानों के हित में रास्ता खोलने की मांग की है
पंचराम कोल ने बताया कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे के कारण उनके खेत तक पहुंचने का रास्ता बंद हो गया है। इससे न केवल उनकी फसल को नुकसान हो रहा है, बल्कि उनकी आजीविका भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा, “हमने कई बार प्रशासन से इस मुद्दे को उठाया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब हमारे पास अनशन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है
स्थानीय किसान संगठनों ने भी इस मामले में प्रशासन की लापरवाही की आलोचना की है। उनका कहना है कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे की समस्या लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। किसानों ने मांग की है कि तुरंत कार्रवाई करके अवैध कब्जे को हटाया जाए और उन्हें उनकी जमीन तक पहुंचने का रास्ता दिया जाए