ज़िद चाहिए कुछ करने की, वरना उम्मीद तो सब करते हैं— जस्टिस गंगा चरण दुबे
बाल शिक्षा निकेतन में विधिक साक्षरता शिविर संपन्न, बच्चों ने सीखा न्याय और आत्मविकास का पाठ
संतोष चौरसिया की कलम से
तहसील विधिक सेवा समिति कोतमा के तत्वावधान में बुधवार को बाल शिक्षा निकेतन, कोतमा कॉलरी में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्देश्य बच्चों को विधिक अधिकारों, संवैधानिक संरक्षण और आत्मविकास के प्रति जागरूक करना था
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा तहसील विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष गंगा चरण दुबे उपस्थित रहे। साथ ही प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रम सिंह, पीएलवी भगवान दास मिश्रा, नगर पालिका परिषद पसान अध्यक्ष राम अवध सिंह, सहसचिव लाल बहादुर सिंह, राजेश शर्मा, प्रभास सिंह, दिनेश कुमार मिश्रा, प्राचार्य अनिल श्रीवास्तव, शिक्षक-शिक्षिकाएँ एवं सैकड़ों छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे
शिविर की शुरुआत में पीएलवी भगवान दास मिश्रा ने कहा कि “बच्चे देश का भविष्य हैं। उन्हें न्याय, सुरक्षा और सम्मान देना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है उन्होंने बताया कि विधिक सेवाएँ बच्चों को शोषण, हिंसा और भेदभाव से बचाने की गारंटी देती हैं
इसके पश्चात न्यायाधीश विक्रम सिंह ने छात्रों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की संरचना व कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि “हर बालक का संवैधानिक अधिकार है कि उसे न्याय और शिक्षा मिले — और यदि कोई अन्याय होता है, तो विधिक सेवा प्राधिकरण सदैव उसके साथ खड़ा है
जस्टिस दुबे का प्रेरणादायक संदेश
मुख्य अतिथि जस्टिस गंगा चरण दुबे ने स्वामी विवेकानंद के वचन “उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत” का उल्लेख करते हुए कहा
> ज़िद चाहिए कुछ करने की, वरना उम्मीद तो सब करते हैं
उन्होंने छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए “5P सूत्र — Positive Thinking, Patience, Planning, Practice और Performance” को जीवन में अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि “विधिक ज्ञान के साथ नैतिक मूल्यों को अपनाना ही सच्चे न्याय की पहचान है, क्योंकि न्याय केवल अदालतों में नहीं, हमारे विचारों और कर्मों में भी होता है
विद्यालय का गौरव और प्रेरणा
समापन अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष राम अवध सिंह ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए विद्यालय के गौरवशाली इतिहास की चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस विद्यालय के पूर्व छात्र राकेश यादव, जो भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन हैं, ने “ऑपरेशन सिंदूर” में अद्भुत योगदान दिया था, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति द्वारा वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया — यह विद्यालय के लिए गर्व की बात है।
अंत में विद्यालय परिवार की ओर से अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया, और बच्चों ने न्यायिक अधिकारियों के मार्गदर्शन को जीवन में अपनाने का


















