उर्दू स्कूल की बदहाल व्यवस्था पर मुस्लिम समाज ने कलेक्टर को सौंपी शिकायत
तालीम में मुस्लिम बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नही किया जाएगा – जिला सदर रियाजुद्दीन शेख
खरगोन – किला कैम्पस स्थित शासकीय उर्दू हाईस्कूल (उर्दू माध्यम) में चल रही लापरवाही, मनमानी और शिक्षण व्यवस्था की अव्यवस्था को लेकर मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर भव्या मित्तल से मुलाकात कर गंभीर शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायतकर्ताओं में मुस्लिम समाज के जिला सदर एवं पार्षद रियाजुद्दीन शेख, पार्षद वारिस चौबे, तथा भाजपा नेता अब्दुल रहीम शामिल रहे। तीनों प्रतिनिधियों ने कलेक्टर से इस मामले की जांच कर जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई की मांग की।
उर्दू माध्यम के नाम पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
शिकायत में कहा गया कि विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है।
ना तो विभागीय अधिकारी ध्यान दे रहे हैं, और ना ही संस्था प्रमुख अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। परिणामस्वरूप विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो चुका है।
विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य की शैक्षणिक योग्यता अंग्रेजी और संस्कृत साहित्य में है, जबकि यहाँ संस्कृत विषय की उपयोगिता ही नहीं है।
इसके बावजूद प्राचार्य स्वयं केवल एक पीरियड लेकर कक्षा 10वीं में सामान्य हिन्दी पढ़ा रहे हैं, जबकि अंग्रेजी विषय का अध्यापन प्राथमिक शिक्षक से कराया जा रहा है।
विद्यालय में गणित शिक्षक का पद ही रिक्त है, और अतिथि शिक्षक के रूप में भी किसी को नहीं रखा गया है, जिससे विज्ञान व गणित दोनों विषयों का नुकसान विद्यार्थियों को झेलना पड़ रहा है।
इसके अलावा अतिथि शिक्षक मोह. वसीम शेख, जो प्राचार्य के पति बताए गए हैं, उनकी शैक्षणिक डिग्रियों पर भी संदेह व्यक्त किया गया है।
शिकायत में गंभीर आरोप — नियमों की खुलेआम अवहेलना
प्रतिनिधियों ने बताया कि बीईओ द्वारा दिए गए आदेशों की भी विद्यालय प्राचार्य द्वारा बार-बार अवहेलना की जा रही है।
इसके बावजूद सेलरी निकासी और मनमानी का सिलसिला जारी है, जो विभागीय लापरवाही को दर्शाता है।
2009 में मिली थी सौगात, आज हालात बद से बदतर
शिकायत में अब्दुल रहीम खान यह भी बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2009 में समाज की मांग पर जिले का पहला उर्दू हाईस्कूल खोलने की घोषणा की थी।
लेकिन इतने वर्षों के बाद भी स्कूल न तो हायर सेकंडरी स्तर तक उन्नत हुआ, और न ही शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति हुई
कलेक्टर से त्वरित जांच व कार्यवाही की मांग
रियाजुद्दीन शेख ने कहा कि
यह स्कूल उर्दू शिक्षा की पहचान है। यदि अब भी सुधार नहीं हुआ तो आने वाली पीढ़ियों का भविष्य अंधकार में रहेगा। हम कलेक्टर महोदय से मांग करते हैं कि इस मामले की जांच कर स्थायी प्राचार्य, विषयवार शिक्षक व अतिथि शिक्षकों की तैनाती शीघ्र कराई जाए।”


















