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अमोलेश्वर धाम में संगीत मय श्रीमद भगवत गीता अध्यात्मिक सत्संग एवं श्री शतचंडी महायज्ञ 17 फरवरी से 26 फरवरी 2025 तक किया गया आयोजन

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अमोलेश्वर धाम में संगीत मय श्रीमद भगवत गीता अध्यात्मिक सत्संग एवं श्री शतचंडी महायज्ञ 17 फरवरी से 26 फरवरी 2025 तक किया गया आयोजन

रिपोर्टर हुकुम सिंह

उमरिया डिंडोरी जिला के बीच में स्थित अमोल खोह,जो अमोलेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है। जहां हर वर्ष की भांति इस वर्ष महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर चल रही संगीत में श्रीमद् भगवत गीता प्रवचन एवं श्री शत् चंडी महायज्ञ हवन का आयोजन 17 फरवरी से 26 फरवरी तक 2025 का आयोजन किया गया है।यह कार्यक्रम श्री श्री 1008 श्री भगत गिरी (बच्चू महाराज )जी के सानिध्य में आयोजित किया जा रहा है। अत्यंत प्रसन्नता है की विगत 73 वां वर्ष से आप लोगों के अमूल्य श्रद्धा सहयोग में श्रीमद् भगवत गीता यज्ञ प्रवचन कीर्तन ,भजन ,सत्संग होते आ रहे हैं, अमलेश्वर धाम की पावन भूमि पर आप जन समुदाय अधिक से अधिक जनसंख्या में तन मन धन से भाग लेकर” श्री सत्य चंडी महायज्ञ ,”दैहिक ,दैविक ,भौतिक ,ताप निवारण हेतु भारतीय संस्कृति बनी रहे, आध्यात्मिक, धर्म कर्म में लग रहे। यही भगवान के साथ अमलेश्वर धाम महाशिवरात्रि मेला, यज्ञ में तन मन धन से अध्ययन अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर यज्ञ को सफल बनाएं मानव जीवन को कृतार्थ करें,*!

कथा व्यास प्रवचन कर्ता -श्रीकांत गीतानुरागी कल्याण आश्रम गीता धाम कट कोना वुढ़ार जिला शहडोल ( मध्य प्रदेश)

यज्ञाचार्य श्री राम भूषण मिश्र (वेल्दी) जिला उमरिया (मध्य प्रदेश आज छठवां दिवस में भक्ति योग्य , क्षेत्र क्षेत्रज्ञ, विभाग योग, गुणत्रय विभाग योग ज्ञान,के बारे में श्रीकांत गीतानुरागी, महाराज जी ने विस्तृत रूप से बतलाएं, उन्होंने बताया कि अर्जुन ने पूछा हे केशव मैं आपसे प्रकृति एवं पुरुष क्षेत्र में क्षेत्रज्ञ और ज्ञान एवं ज्ञान के लक्ष्य के विषय में जानना चाहता हूं भगवान ने कहा है कुंती पुत्र यह शरीर ही क्षेत्र (कर्म क्षेत्र) (आत्मा) कहलाता है! ऐसा तत्व रूप से जानने वाले महापुरुष रसों द्वारा कहा गया है! क्षेत्रज्ञ विभाग योग के बारे में बतलाएं की हे भरतवंशी तो इन सभी शरीर रूपी क्षेत्र का ज्ञान निश्चित रूप से मुझे ही समझ और इस शरीर तथा इसके ज्ञाता को जान लेना ही ज्ञान कहलाता है। ऐसे मेरा विचार है, इस तरह से प्रसंग सुनाए, प्रवचन समापन के बाद प्रसाद वितरण किया गया , और प्रवचन में आए हुए श्रद्धालु बड़े भाव के साथ प्रसाद ग्रहण किये।

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