नीलकंठ के फलते फूलते कारोबार में कर्मचारी वाजिब हक से दूर प्रबंधन मौन
जमुना कोतमा खनन के क्षेत्र में नामचीन कंपनी बन चुकी नीलकंठ जो ज को क्षेत्र के आमांडॉड प्रोजेक्ट में कोयला खनन एवं परिवहन का काम कर रही है जिसमें लगभग 1500 से 2000 स्किल्ड कर्मचारी काम पर है प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्मचारियों का न तो बी फॉर्म भरवाया गया न ही बीटीसी ट्रेनिंग कराई गई साथ ही अटेंडेंस भी कर्मचारियों की न तो D फॉर्म में ओर न हीं बायोमैट्रिक के माध्यम से लगाई जा रही है अतः मांग है कि नीलकंठ के कर्मचारियो के एल पी सी में कौन साइन करता है इसकी भी जांच होनी चाहिए तथा नीलकंठ के सभी कर्मचारियों को हर महीने पेमेंट स्लिप भी उपलब्ध कई जाने की मांग की जाती है इसके उलट जमुना कोतमा क्षेत्र के प्रबंधन द्वारा जबरन अपने कर्मचारियों को बायोमैट्रिक मशीन में इन आउट कराने को मजबूर कर रहा है यह देखा जा सकता है कि प्रबंधन द्वारा बीच बीच में पत्र के माध्यम से कर्मचारियों को यह कहकर डराने का प्रयास किया जाता है कि पेमेंट नहीं होने पर सारी जवाबदारी कर्मचारियों की होगी इस लिए सबको इन आउट अनिवार्य रूप से कराना होगा चुकी प्रबंधन का रवैया एक ही प्रोजेक्ट में दो तरह का है अतः ऐसे पत्र ओर आदेश का संगठन विरोध करता है एवं संगठन एचएमएस जमुना कोतमा क्षेत्र के अध्यक्ष श्रीकांत शुक्ला ने मांग है कि एक ही क्षेत्र में अलग अलग तरीके का नियम लागू करना ठीक नहीं है संगठन पुनः अवगत कराना चाहता है कि नील कंठ कंपनी के कर्मचारियों का अटेंडेंस बायोमैट्रिक में इन आउट नहीं कराया जाता एवं दक्षता के हिसाब से वाजिब भुगतान नहीं किया जाता तब तक कंपनी के कर्मचारियो को इन आउट का प्रबंधन द्वारा दबाव बनाना ठीक नहीं है बल्कि निंदनीय है इस पर तत्काल रोक लगाए जाने की जरूरत है मजदूर मजदूर भाई भाई के नारे के साथ इंकलाब जिंदाबाद