पश्चिम बंगाल की ममता सरकार हिन्दुओ के लिए साबित हो रही तालिबानी–दिलीप पाण्डेय
कृष्ण कुमार उपाध्याय मानपुर उमरिया
पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के द्वारा धार्मिक उन्माद फैलाकर बहुसंख्यक समाज पर अत्याचार अनाचार और अपमानजनक व्यवहार निंदनीय है l जहाँ देश के क्रांतिवीरो ने जन्म लिया जहां पूज्य संत शिरोमणि रामकृष्ण जी अवतरित हुए जहाँ दुनिया मे सनातन की धर्म ध्वजा फहराने वाले विवेकानंद जी जन्म लिए उस भूमि में आज हिन्दू सुरक्षित नही है। चुन चुनकर हिन्दुओ को मौत के घाट उतारा जा रहा है हिन्दुओ की गाड़ियों दुकानों घरों को आग के हवाले किया जा रहा है। वहा की सरकार और प्रशासन बेशर्मी से यह सब होता देखकर भी आंखों में काली पट्टी बांधे बैठा है। मुगल सरकार की मुख्यमंत्री ममता बड़ी बेशर्मी से इसे फ्रीडम कहती है। मुर्शिदाबाद से हिन्दुओं का पलायन ‘ममता का फ्रीडम’ है। हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ गढ़ने वाले दलित पिता-पुत्र की हत्या ‘ममता का फ्रीडम’ है। इस्लामी भीड़ द्वारा सार्वजनिक वाहनों को जलाकर ख़ाक किया जाना और रेल रोका जाना ‘ममता का फ्रीडम’ है।उधर अखिलेश यादव का ममता बनर्जी को खुला समर्थन और अब ममता बनर्जी द्वारा योगी आदित्यनाथ को निशाना बनाया जाना – ये बताता है कि बड़े स्तर पर खेल की साज़िश है।
और इनकाउंटर की बात करने वाली ममता बंगाल में अपराधियों को खुला संरक्षण दे रही है। ममता को जानकारी दुरस्त करना चाहिये की उत्तर प्रदेश में अपराधियो बदमाशो के ‘एनकाउंटर्स’ की वजह से आज उत्तर प्रदेश भयमुक्त बना है, अतीक-मुख़्तार जैसों के आतंक से मुक्ति मिली है और माफियाओं की संपत्तियों को नेस्तनाबूत किया गया है।वही झारखंड का मंत्री कानून से ऊपर संविधान से ऊपर सरियत होने की बात कर रहा है। सीधी बात है जिनके लिए शरीयत ऊपर हैवो उस देश में चले जाएं जो देश शरीयत से चलता हो।कुछ लोग कह रहे हैं कि उनके लिए ‘संविधान’ से बढ़कर ‘शरीयत’ है मैं उनसे कहना चाहता हूं, भारत बाबा साहब के द्वारा बनाए गए संविधान से चलेगा, जहां शरीयत का कानून लागू है, उनको वहां जाना चाहिए।हिन्दुओ के अस्तित्व के लिए भाजपा ठीक उसी प्रकार जरूरी है जैसे जीवित रहने के लिए आक्सीजन। पश्चिम बंगाल में हिन्दुओ का जीवन सुरक्षित नही है। रोज कुछ न कुछ घटनाएं घटित हो रही है जिसमे पीड़ित हिन्दू परिवार ही होता है। सत्ता के नशे में अंधी हो चुकी कुममता हिन्दुओ के खून की प्यासी दिख रही है। कानून ब्यबस्था को झोले में टाँगकर जिहादी कानून को ठेंगा दिखा रहे है। पश्चिम बंगाल में पुलिस और कानून सिर्फ सब्द बनकर रह गए है। घुसपैठियों की शरण स्थली बंगाल में हिन्दुओ की स्थिती वही है जो बांग्लादेश और पाकिस्तान में है। हिन्दुओ को गाजर मूली की तरह मरोड़ा जा रहा है। चुन चुन कर हिन्दूओ को निपटाया जा रहा है। हिन्दुओ की गाड़ी दुकानों को जलाया जा रहा है। जिन्होंने इस नरसंहार को अंजाम दिया है, वो सारे सरकारी योजनाओं में लाभार्थी हैं बड़ी संख्या में। हरगोविंद दास और चंदन दास के बाल-बच्चे दाने-दाने को तरसेंगे।केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उन्हें। राज्य सरकार की तुष्टिकरण का किरदार । इस्लामी मुल्क़ों से फंडिंग उन्हें। सोशल मीडिया पर अभिजात्य गिरोह का संरक्षण उन्हें। न्यायपालिका के लिए अल्पसंख्यक और पीड़ित। 74 वर्ष के हरगोविंद दास की लाश वा उनके 40 वर्षीय बेटे चंदन दास की लाश बताती है बंगाल बांग्लादेश बन रहा है। यही दुर्गति है हिन्दुओं की, हिन्दुओं के देश में। इनका गुनाह? यह है कि ये देवी-देवताओं की मूर्तियाँ गढ़ते थे। पश्चिम बंगाल में मुग़ल राज चल रहा है। सोचिए, इस्लामी आक्रांताओं का राज कैसा रहा होगा। बंगाल में स्थिति उससे भी बदतर नज़र आ रही है। जिन हाथों ने जीवन भर माँ काली की मूर्तियाँ गढ़ीं, आज वो हाथ बेजान पड़े हैं क्योंकि शरीयत में मूर्ति पूजा हराम है।सुप्रीम कोर्ट राज्यपालों के लिए दिशा निर्देश तय कर सकता है। देश की सर्वोच्च पद पर बैठी राष्ट्रपति के लिए समयसीमा तय कर सकता है। जिस उत्तर प्रदेश में महिलाएँ आधी रात को भी सुरक्षित होकर घूम सकती हैं वहाँ क़ानून व्यवस्था ख़त्म होने वाली टिप्पणी कर सकता है।लेकिन, यही सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल पर चुप रहता है। पश्चिम बंगाल से जुड़ी याचिकाओं पर अबतक कई जज ख़ुद को सुनवाई से अलग कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के जज एक बार मुर्शिदाबाद का दौरा करें हिम्मत है तो। वहाँ पर कुछ दिन अदालत लगाकर दिखाएँ। या फिर यूपी का कोई भी जिला चुन लें। फिर देखें कहाँ वो अधिक सुरक्षित हैं। पश्चिम बंगाल में शरीयत चलता है, सुप्रीम कोर्ट का कोई भी फ़ैसला आसमानी क़ानून में हस्तक्षेप माना जाएगा।मीलॉर्ड्स इस चीज को समझते हैं। तभी वो तस्लीम रहमानी व मोहम्मद ज़ुबैर की जगह नूपुर शर्मा को देश की सारी समस्याओं की जड़ बता देते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त भी यही तय करेंगे, कल को कहेंगे कि राष्ट्रपति का उम्मीदवार भी इनकी सहमति से ही तय हो।
निवर्तमान जिला अध्यक्ष श्री दिलीप पाण्डेय जी ने कहा कि जो समस्या सिर पर है, जो प्रत्यक्ष दिखाई दे रही है, जिसके प्रमाण चीख-चिल्ला रहे हैं – पश्चिम बंगाल में हो रहे हिन्दुओ पर अत्याचार हिंसा पर स्वतः संज्ञान नहीं लेंगे ये लोग, कोई आएगा तो हाईकोर्ट जाने के लिए कह देंगे। कोलेजियम सिस्टम खत्म करना बेहद जरूरी है। मेनस्ट्रीम न्यूज़ चैनल पतन की ओर हैं। X पोस्ट्स और विपक्षी नेताओं के बयान दिनभर चलाते रहते हैं। एकाध बहसबाजी वाले शो में मुर्गे लड़ाते हैं।पश्चिम बंगाल इनका एक भी रिपोर्टर गया? अबतक मालदा-मुर्शिदाबाद में कोई भी बड़ा एंकर गया है? हाथरस में इन्होंने लड़ी लगा दी थी। बहुत ‘शेर’ और ‘शेरनी’ बन रहे थे। तहव्वुर राना अमेरिका से लाया गया, ये दिखाने के लिए सबमें होड़ मची थी। अरे भाई, ये सब तो सोशल मीडिया पर दिन-रात हम देख ही रहे हैं। विपक्ष के नेताओं के अनर्गल बयान तो टेलीविजन से पहले व्हाट्सएप्प पर आ जाते हैं। हिन्दुओ के रक्षणार्थ आवाज बुलंद करने के लिए इनके पास रिपोर्टर नहीं होते, जो सोशल मीडिया में चल रहा है वो तो लोग देख ही रहे हैं, हिन्दुओ के हितों को लेकर बोलना हो तो 2-4 को छोड़कर बाकियों के मुंह मे दही जम जाती है। हिन्दू बहुसंख्यक देश में हिन्दू की हालत देखिए!अपने ही देश में शरणार्थी बन गए बंगाल के हिन्दू।इस्लामी कट्टरपंथियों के डर मुर्शिदाबाद से घर छोड़कर भागे हिन्दू समाज के लोग सरकारी स्कूल में अंधेरे में खुली आसमान के नीचे खाना खा रहे हैं।जबकि इनके पास अपना घर, मकान सब है। जम्मू कश्मीर में भी इसी तरह हिन्दू नरसंघार हुआ था चुन चुनकर हिन्दुओ को लूटा काटा गया था। एक विचारधारा है जो भारत मे हिन्दुओ के खून की प्याशी है समय रहते हिन्दुओ को यह समझ लेना चाहिये। चुनावो में मंदिर मंदिर भटकने वाले राहुल हिन्दुओ की हो रही हत्याओं में मौन है। विपक्ष इतनी बड़ी घटनाओं के बाद भी हिन्दू विरोधी सुर अलाप रहा है।विपक्ष कीराजनीति हिन्दू विरोधी हो चुकी है। चुनाव में विपक्ष के लिए हिन्दू केवल वोटबैंक है बंगाल के हिन्दू जनमानस का दर्द कोई महसूस नही कर रहा। हिन्दू बच्चों के बर्बाद होते भविष्य की चिंता किसी को है क्या?हिन्दू परिवारों के पलायन की चिंता किसी को है क्या?हिन्दू समाज के लोगों को उनकी जमीन, उनके दुकान, उनके मकान कौन लौटाकर देगा? हिन्दुओ को जाग जाना चाहिये और समय रहते इस बात का निर्णय कर लेना चाहिये कि उनके लिए कौन सी पार्टी ठीक है। भाजपा को छोड़कर कोई भी हिन्दुओ के पक्ष में नही खड़ा होता।