बगड़ी वन क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई — अवैध महुआ की लकड़ी से भरे दो वाहन जप्त, कुल जब्ती ₹26 लाख, दो गिरफ्तार
ब्यूरो रिपोर्ट शैलेंद्र जोशी, धार
धार जिले के बगड़ी वन परिक्षेत्र में रविवार सुबह वन विभाग की टीम ने बड़ी सफलता हासिल की। बगड़ी और सगड़ी के बीच हनुमान मंदिर के पास से अवैध रूप से महुआ की गीली लकड़ी से भरे दो पिकअप वाहन पकड़े गए। प्राथमिक जांच में बताया गया है कि दोनों वाहनों में लगभग 6 टन लकड़ी भरी थी और यह लकड़ी पीथमपुर क्षेत्र की ओर ले जाई जा रही थी।
आवेदनक के अनुसार कार्रवाई सुबह लगभग 6 बजे की गई, जब वन विभाग की टीम नियमित गश्त पर थी। टीम ने संदिग्ध रूप से गुजर रहे पिकअप वाहन क्रमांक एमपी 13 ZU 2805 और एमपी 19 ZF 2614 को रोका। वाहनों की तलाशी के दौरान महुआ की गीली लकड़ी बरामद हुई, जिनके वैध दस्तावेज आरोपी प्रस्तुत नहीं कर सके।
बगड़ी वन परिक्षेत्र के सहायक वन अधिकारी संतोष उपाध्याय ने बताया कि यह लकड़ी सोडपुर और करौंदिया खाली वन क्षेत्र से काटकर अवैध रूप से पीथमपुर ले जाई जा रही थी। पकड़ी गई लकड़ी का अनुमानित मूल्य लगभग ₹2 लाख है, जबकि दोनों वाहनों की कुल कीमत लगभग ₹24 लाख आंकी गई है। इस प्रकार विभाग ने कुल लगभग ₹26 लाख की जब्ती की है।
इस पूरे अभियान का नेतृत्व वन मंडल अधिकारी विजय ननथम टी.आर. के निर्देशन में किया गया। कार्रवाई में वनरक्षक रितेश त्रिवेदी, कुंवरसी, जितेंद्र चौधरी और चालक कमलेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
विभाग ने मामले में दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया है। आरोपियों की पहचान पिंटू पुत्र नगरिया निवासी गुगली और कालू सिंह पुत्र राजाराम निवासी करौंदिया खाली के रूप में की गई है। दोनों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धाराओं 41, 42 और 52 तथा मध्यप्रदेश अवैध परिवहन निवारण अधिनियम, 2000 की धाराओं 14, 20 और 3(क)(ख) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि यह एक सप्ताह में दूसरी बड़ी कार्रवाई है, जो वन विभाग की सख्त निगरानी और नियमित गश्त का परिणाम है। विभाग ने कहा है कि वह ऐसे अवैध परिवहन नेटवर्क पर पूरी तरह से शिकंजा कसने के लिए सतर्क रहा है और भविष्य में भी इसी प्रकार की कार्रवाइयों को तेज रखेगा।
वन संपदा की सुरक्षा के लिए यह कार्रवाई विभाग की सतर्कता का प्रमाण है और यह संदेश भी है कि अवैध लकड़ी के परिवहन पर अब किसी भी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी
बाइट: एस के उपाध्याय, सहायक वन अधिकारी
“वन संपदा की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। अवैध गतिविधियों पर हमारी निगरानी लगातार जारी रहेगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा


















