जैतहरी में भगवान महावीर स्वामी जन्म कल्याणक महोत्सव सानंद संपन्न
जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर देवाधिदेव 1008 भगवान श्री महावीर स्वामी का 2624 वां जन्म कल्याणक महा महोत्सव त्रि दिवसीय आयोजन जैतहरी में स्याद्वादी विद्वान, ज्योतिष रत्न, वाणीभूषण पंडित श्री सतीश जैन शास्त्री जी के निर्देशन में धूमधाम से संपन्न हुआ
प्रथम दिवस नवनिर्मित 2000 फीट के विशाल हॉल शैड के शुद्धिकरण का कार्यक्रम घटयात्रा, ध्वजारोहण, वास्तु विधान, शांति मंत्र 11,000 जाप्य, विशाल शांति हवन एवं पांचवें तीर्थंकर देवाधिदेव 1008 भगवान श्री सुमति नाथ स्वामी का मोक्ष कल्याणक निर्वाण लाडू चढ़ाते हुए मनाया गया
द्वितीय दिवस तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के गुणगान करते हुए तीर्थंकर वैभव विधान एवं विश्व णमोकार दिवस की पुण्य बेला में श्री णमोकार महामंत्र का सामूहिक पाठ सानंद संपन्न हुआ
तृतीय मुख्य दिवस देवाधिदेव जिनेंद्र देव पंचप्रभु का महा अभिषेक एवं शांति धारा पूर्वक नित्य नैमित्तिक पूजन संपन्न कर भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक अवसर पर बधाइयां गाते हुए पालना झूलना एवं जैन मंदिर से चलकर अहिंसा चौक, टेलीफोन एक्सचेंज, मिनी स्टेडियम, नगर परिषद, पानी टंकी, तुलसी मानस भवन, सेंट्रल बैंक, गांधी चौक, अटल द्वार होते हुए मुख्य बाजार से जैन मंदिर तक विमान उत्सव के माध्यम से नगर भ्रमण, शोभा यात्रा संपूर्ण नगर में भगवान महावीर स्वामी के भजन गीत गाते हुए, ढोल- बैंड, बाजा के साथ समाज के सभी जन बड़े उत्साह से सम्मिलित हुए एवं मंदिर जी में नवनिर्मित हाल में 1008 कलशों से पांडुक शिला पर महा अभिषेक संपन्न किया गया
प्रतिदिन सायंकाल संगीत की स्वर लहरियों के साथ आरती भक्ति, श्री शास्त्री जी के प्रवचन तथा प्रोजेक्टर के माध्यम से बड़े पर्दे पर जैन धर्म से संबंधित फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
समाज के सभी जनों का एवं बाहर से पधारे मेहमानों का वात्सल्य भोज जैन भवन में संपन्न हुआ।
भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांत आज भी विश्व कल्याण के लिए अत्यंत हितैषी एवं उपयोगी है
भगवान महावीर स्वामी के अहिंसा, सत्य,अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, अनेकांतवाद आदि सिद्धांतों को जियो और जीने दो के सिद्धांत के साथ प्राणी मात्र अपना कर एक दूसरे का हित करते हुए कल्याण के मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं।
भगवान महावीर स्वामी के बताएं सिद्धांतों पर चलकर हम विश्व बंधुत्व की भावना के साथ रहें तो संपूर्ण विश्व में शांति स्थापित हो सकती है।
भगवान महावीर स्वामी ने बताया आज मानव जाति को परमाणु बम की आवश्यकता नहीं है बल्कि अपने जीवन में अणुव्रतों की आवश्यकता है
अपनी आवश्यकताओं को सीमित रखकर हमें संतोष वृत्ति के साथ अपना जीवन निर्वाह करना चाहिए।
भगवान महावीर स्वामी सारी मानव जाति के लिए एक महान पथ प्रदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं।
मनुष्य जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है, घृणा पाप से करो पापी से नहीं, इन सिद्धांतों को भी अपने व्यवहारिक जीवन में अमल में लाएं और सुख शांति समृद्धि के साथ सब मिलकर अपना जीवन यापन करें तभी भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक महा महोत्सव को मनाने की सार्थकता सिद्ध होगी