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शहीदी दिवस पर विशेष होगी कोयलांचल की शाम, लांस नायक दीपचंद करेंगे शिरकत

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शहीदी दिवस पर विशेष होगी कोयलांचल की शाम, लांस नायक दीपचंद करेंगे शिरकत


बुढार l शहीदों के सम्मान व श्रद्धांजलि के प्रति समर्पित संभाग ही नहीं अपितु प्रदेश स्तर पर जिले के कोयलांचल में होनें वाला सबसे बड़ा कार्यक्रम “एक शाम शहीदों के नाम” की तैयारियां अंतिम चरण में है। इस कार्यक्रम को लेकर जहां जनमानस में प्रतिवर्ष की तरह उत्साह है वहीं यर कार्यक्रम समूचे जिले को गौरन्वित करता है

इस कार्यक्रम में देश की आजादी में हिस्सेदार बनें उन तमाम क्रांतिकारियों, वीरसपूतों को श्रद्धांजलि देकर न सिर्फ याद किया जाता है बल्कि कार्यक्रम का उद्देश्य उन क्रांतिकारियों के परिजनों से मुलाकात कर उन तमाम पहलुओं को आमजन से साझा किया जाता है जिसे आमजन कम ही जानते हैं। बीते लगभग एक दशक से हो रहे इस कार्यक्रम का इंतजार जहां क्षेत्रवासियों को रहता है वहीं आगामी 23 मार्च शहीदी दिवस को यह कार्यक्रम संपन्न होनें जा रहा है।शिरकत करेंगे लांस नायक दीपचंद जिन्होनें देश के लिये गंवा दिये दोनों पैर व एक हांथ 23 मार्च को होनें जा रहे इस कार्यक्रम में लांस नायक दीपचंद जी शिरकत करेंगे। नायक दीपचंद जी देश के प्रति अपना जीवन समर्पित कर देनें वाले उन क्रांतिकारियों में से एक है जिनके पराक्रम को कभी भुलाया नहीं जा सकता

हरियाणा के हिसार निवासी दीपचंद जी वर्ष 1989 में सेना में भर्ती हुये थे। दीपचंद जी नें खुफिया विभाग में काम करते हुये कश्मीरी लैंग्वेज कोर्स करनें के बाद ड्यूटी ज्वाइन की थी। रिटायर्ड लांस नायक दीपचंद जी को 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान टाइगर हिल में तैनात किया गया था। कारगिल युद्ध में मिसाइल रेजीमेंट का ‌हिस्सा रहे दीपचंद जी नें आपरेशन विजय में तोलोलिंग के ऊपर सबसे पहला गोला दागा था। इन्होनें करीब आठ आतंकवादियों को मौत के घाट उतारनें ‌में अहम रोल अदा किया था। टाइगर हिल के 17 हजार फिट की ऊंचाई पर दीपचंद जी नें न सिर्फ दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिये और हौशला तोड़ा बल्कि अपनें साथियों की जान भी बचाई

तोप का गोला फटनें से हुये थे जख्मी, खाना नहीं गोला-बारुद की करते थे मांग

कारगिल युद्ध के दौरान तोप का गोला फटनें से दीपचंद जी बुरी तरह जख्मी हो गये थे, यह हादशा उस समय हुआ जब जब दीपचंद जी और उनके साथी आपरेशन पराक्रम के ‌दौरान वापसी के लिये सामान बांधनें की तैयारी कर रहे थे। बुरी तरह से जख्मी दीपंचद जी के बचनें की उम्मीद कम ही थी। डॉक्टर उनका लगातार ईलाज कर रहे थे और उन्हें बचानें के लिये डॉक्टरों को उनकी दोनों टांगो और एक हाथ को काटना पड़ा। इस दौरान उनका इतना खून बहा कि उन्हें बचाने के लिये 17 बोतल खून चढ़ाना पड़ा। जानकारी के मुताबिक दीपचंद जी को जब उनके साथी सप्लाई देनें आते थे तो वह उनसे कहते थे कि उन्हें खाना मिले या न मिले गोला बार बारुद ‌ज्यादा से ज्यादा मिलना चाहिये। उनकी बटालियन नें 10 हजार राउंड फायरिंग की। और उनकी बटालियन को 12 गैलेन्टरी अवार्ड मिले और कारगिल जीतनें का सौभाग्य मिला। भूतपूर्व सीडीएस‌ जनरल बिपिन रावत द्वारा दीपचंद जी को उनकी बहादुरी के लिये “कारगिल योद्धा” की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है। वर्तमान में लांस नायक दीपचंद जी “आदर्श सैनिक फाउंडेशन” के जरिये ड्यूटी के दौरान विकलांग हुये सैनिकों के कल्याण के लिये काम करते हैं।

शहीद भगत सिंह यूथ फाउंडेशन द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है कार्यक्रम का आयोजन

गौरतलब है कि बीते लगभग एक दशक से शहीदों को याद करते हुये उनके सम्मान में होनें वाले इस कार्यक्रम का आयोजन शहीद भगत सिंह यूथ फाउंडेशन के ‌नेतृत्व और आमजनता व युवाओं की सहभागिता से प्रत्येक वर्ष शहीदी दिवस 23 मार्च को किया जाता है। इस वर्ष 23 मार्च 2025 दिन रविवार को कोयलांचल नगरी बुढार के तहसील ग्राउंड में “एक शाम शहीदों के नाम” कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। आपको बता दें कि इस कार्यक्रम को लेकर जहां जनमानस में उत्साह है वहीं इस कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं। शहीद भगत सिंह यूथ फाउंडेशन नें इस मौके पर आमजनजा को आमंत्रित कर शहीदों को श्रद्धांजलि देनें व कार्यक्रम को सफल बनानें की अपील की है

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