खुशियों की दास्ताँ
स्वसहायता समूह से जुड़कर कियोस्क का सफलतापूर्वक संचालन कर रही हैं ज्योति शर्मा
अनूपपुर 8 अप्रैल 2025/ केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनका लाभ पाकर महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ आर्थिक तौर पर मजबूत हो रही हैं। आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं को स्व सहायता समूह से जोड़ा जा रहा है तथा उनकी आर्थिक स्थिति को उन्नत करने के सशक्त प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में गरीब परिवार की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर आत्म निर्भर बनाने तथा आजीविका के स्थाई अवसर उपलब्ध कराने में मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन मददगार साबित हो रहा है
इसी कड़ी में अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम पचौहा निवासी ज्योति शर्मा हैं, जिन्होंने पूजा स्व सहायता समूह से जुड़कर न सिर्फ बैंक सखी के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए समूह एवं समूह के सदस्यों के वित्तीय समावेशन अंतर्गत स्व सहायता समूहों के ऋण प्रकरणों को स्वीकृत एवं वितरित कराने, खाता खुलवाने, बीमा योजना का लाभ दिलाने आदि कार्य कर रही है, बल्कि सेंट्रल बैंक अंतर्गत कियोस्क संचालन का कार्य भी सफलतापूर्वक कर रही हैं
समूह से जुड़ने के उपरांत मिशन द्वारा प्रदाय प्रशिक्षणों एवं समूह के माध्यम से प्राप्त जानकारियों से ज्योति दीदी के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई और बैंक सखी के रूप में कार्य करते हुए बैंकिंग प्रणाली की बेहतर जानकारी एवं समझ के कारण सेंट्रल बैंक के कियोस्क का कार्य करने का आत्मविश्वास आया
ज्योति दीदी ने बताया कि समूह से जुड़ने के पूर्व आंगनबाड़ी में खाना बनाने का कार्य करती थीं, जहां प्रतिमाह 01 हजार रुपये मिलते थे एवं पति ठेकेदार के अधीन कार्य करते थे, जिससे 07 हजार रुपये प्राप्त होते थे। दोनों की आय से घर चलाना मुश्किल हो रहा था ऐसे में पूजा स्व सहायता समूह से जुड़कर उन्हें एक नई राह मिली और उन्होंने समूह से छः बार में 5 लाख रूपये ऋण के रूप में लिये और कृषि कार्य में लगाया तथा कुछ राशि घर की मरम्मत में भी लगाया
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत स्व सहायता समूह में जुडने के उपरांत बैंक सखी के रूप में कार्य करते हुये बैंक से संबंधित कार्यों की बेहतर जानकारी हुई, जिसके कारण सेंट्रल बैंक के कियोस्क का कार्य सफलता पूर्वक कर पा रही हैं, जिससे उन्हें प्रतिमाह बीस हजार रुपए की आय प्राप्त हो रही है, साथ ही बैंक सखी के रूप मे प्रतिमाह उन्हें तीन हजार रुपए भी प्राप्त हो रहे हैं। समूह से जुडकर वह आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। उनके सामाजिक एवं आर्थिक जीवन में जो भी परिवर्तन हुये हैं, उसके लिये उन्होंने आजीविका मिशन को धन्यवाद देते हुए कहा है कि उनका प्रयास रहता है कि उनकी तरह अन्य दीदियां भी समूह से लाभ लेकर आगे बढ़ें एवं अपनी आजीविका को सुदृढ करें। इसलिए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है