आंवला नवमी पर दिखा भक्ति का उल्लास,मांगा अक्षय फल का वरदान
मौसम की खराबी से कुछ कम पड़ा श्रद्धालुओं का उत्साह
एमसीबी/ मनेन्द्रगढ़। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनेन्द्रगढ़ नगर सहित पूरे एमसीबी जिले में श्रद्धा और भक्ति का विशेष वातावरण रहा। गुरुवार को श्रद्धालुओं ने अक्षय नवमी (आंवला नवमी) का पर्व पारंपरिक रीति-रिवाजों और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया। सुबह से ही मंदिरों और बाग बगीचों में महिलाओं की भीड़ देखने को मिली जिन्होंने आंवले के वृक्ष का पूजन-अर्चन कर सुख समृद्धि, अखंड सौभाग्य और अक्षय फल का वरदान मांगा।
हालांकि सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे और रुक-रुककर हुई बारिश के कारण कुछ स्थानों पर कार्यक्रमों की रौनक थोड़ी कम दिखाई दी फिर भी श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं रही।
महिलाओं ने परंपरानुसार आंवले के वृक्ष की 11 परिक्रमा लगाकर सूत (धागा) लपेटा और परिवार की मंगलकामना की। पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने वहीं पर भोजन प्रसाद ग्रहण किया और दीपदान कर अपनी आस्था व्यक्त की। पूजन में शामिल महिलाओं ने बताया कि भारतीय सनातन संस्कृति में पेड़-पौधों को देवतुल्य माना गया है। आंवला नवमी का पर्व ना केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह हमें प्रकृति और परंपरा से जोड़ने वाला त्योहार भी है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवले के पूजन से अक्षय फल की प्राप्ति होती है तथा यह समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। नगर के विभिन्न इलाकों में दिनभर पूजा अर्चना, भजन और दीपदान के कार्यक्रम चलते रहे।
नगर में भक्ति और उल्लास का वातावरण व्याप्त रहा और महिलाओं के साथ परिवारों ने इस पर्व को श्रद्धा के साथ मनाया।


















