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कोलकाता में JBCCI बैठक: नाथूलाल पांडे ने कोयला श्रमिकों के अधिकारों के लिए रखी मजबूत मांग

कोलकाता में JBCCI बैठक: नाथूलाल पांडे ने कोयला श्रमिकों के अधिकारों के लिए रखी मजबूत मांग

कोलकाता, 25 फरवरी 2025: कोलकाता में ज्वाइंट बाइपार्टाइट कमेटी फॉर कोल इंडस्ट्री (JBCCI) की बैठक आयोजित हुई, जिसमें कोल इंडिया प्रबंधन और श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक में हिंद कोयला मजदूर सभा के महामंत्री एवं JBCCI सदस्य नाथूलाल पांडे ने कोयला श्रमिकों से जुड़े कई अहम मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया। उन्होंने प्रबंधन से इन मांगों पर गंभीरता से विचार करने की अपील की, जिससे श्रमिकों के हितों की रक्षा हो सके और उद्योग में संतुलन बना रहे।

श्रमिकों के हित में उठाए गए मुख्य मुद्दे

बैठक में नाथूलाल पांडे ने बिना सूचना के लंबे समय तक अनुपस्थित रहने के कारण नौकरी से निकाले गए श्रमिकों को फिर से काम पर रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि कई बार श्रमिकों को अनिवार्य परिस्थितियों में काम से दूर रहना पड़ता है, ऐसे में उनकी आजीविका को बचाने के लिए उन्हें दोबारा नौकरी दी जानी चाहिए।

इसके अलावा, उन्होंने आश्रितों को रोजगार देने के लिए नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट (NCWA) के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने की बात कही। उनका कहना था कि कोल इंडिया को श्रमिकों के परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और नियमानुसार आश्रितों को रोजगार देना चाहिए।

स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने साल में दो बार मेडिकल बोर्ड गठित करने का सुझाव दिया। इससे श्रमिकों और उनके परिवारों को समय पर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी और गंभीर बीमारियों के मामलों में जल्द निर्णय लिए जा सकेंगे।

नाथूलाल पांडे ने ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की मांग रखी। उन्होंने यह भी कहा कि यह बढ़ी हुई सीमा 1 जनवरी 2017 से लागू होनी चाहिए, न कि 29 मार्च 2018 से, ताकि अधिक श्रमिकों को इसका लाभ मिल सके।

बैठक में उन्होंने नव नियुक्त आश्रितों और भू-विस्थापितों को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी देने की जरूरत पर भी प्रकाश डाला। इससे उद्योग को दक्ष और योग्य श्रमिक मिलेंगे, जिससे उत्पादन और कार्यप्रणाली में सुधार होगा।

ठेका श्रमिकों की समस्याओं को उठाते हुए उन्होंने बेहतर वेतन और सुविधाएं देने की मांग की, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। साथ ही, कोल इंडिया की एन्युटी योजना 2020 को सभी सहायक कंपनियों में समान रूप से लागू करने का मुद्दा भी रखा, ताकि सभी कर्मचारियों को समान लाभ मिल सके।

नाथूलाल पांडे ने सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने, खेल नीति में संशोधन करने, और 5000 से अधिक रिक्त वैधानिक पदों को जल्द से जल्द भरने की भी वकालत की।

श्रमिकों के अधिकारों के लिए जारी रहेगा संघर्ष

बैठक में मौजूद अन्य प्रतिनिधियों ने भी इन मांगों पर चर्चा की और सहमति जताई कि कोल इंडिया प्रबंधन को श्रमिकों की भलाई के लिए इन प्रस्तावों पर सकारात्मक निर्णय लेना चाहिए।

नाथूलाल पांडे ने कहा, “हमारा लक्ष्य कोयला श्रमिकों और उनके परिवारों के कल्याण को सुनिश्चित करना है। प्रबंधन को इन मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए ताकि श्रमिकों का मनोबल बना रहे और कोयला उद्योग में स्थिरता बनी रहे।”

बैठक में इन सभी मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ और जल्द ही इन पर निर्णय की उम्मीद जताई जा रही है। यह बैठक कोयला उद्योग में श्रमिकों के अधिकारों और सुविधाओं को लेकर चल रही लंबी चर्चाओं का एक अहम हिस्सा है, जिसमें प्रबंधन और यूनियनों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

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