आदिवासियों पर हो रहे अन्याय के खिलाफ जयस ने खोला मोर्चा, कलेक्ट्रेट के सामने की जमकर नारेबाजी
बैतूल. मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आदिवासी समुदाय का सब्र अब जवाब दे चुका है. शराब ठेकेदारों और आबकारी विभाग की मिलीभगत से महुआ शराब के नाम पर आदिवासियों पर फर्जी केस दर्ज किए जा रहे हैं. इस अन्याय के खिलाफ गुरुवार को जयस संगठन ने मोर्चा खोल दिया. हजारों की संख्या में आदिवासी सड़कों पर उतरे, रैली निकाली और शहर की सड़कों से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे.
कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर आदिवासियों ने जमीन पर बैठकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आदिवासियों का कहना है कि जिले में ठेकेदार गांव-गांव शराब पहुंचा रहे हैं. वहीं आदिवासी अगर अपने पारंपरिक तरीके से महुआ शराब बनाएं, तो उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिए जाते हैं. यह कैसा दोहरा न्याय है?