जनजातीय कार्य विभाग में करोड़ों के गबन का खुलासा, जांच जारी
शहडोल (अविरल गौतम) संभाग के उमरिया जिले में शासकीय राशि के गबन का बड़ा घोटाला सामने आया है। मामला जनजातीय कार्य विभाग से जुड़ा है, जहां पाली ब्लॉक में पदस्थ अफसरों ने फर्जी अतिथि शिक्षकों और मजदूरों के नाम पर करोड़ों रुपये का गबन किया। अब तक की जांच में करीब 2.60 करोड़ रुपये की हेराफेरी उजागर हुई है। यह राशि जिम्मेदार अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों के बैंक खातों में ट्रांसफर करवा दी।
इस घोटाले का खुलासा आयुक्त, कोष एवं लेखा की निगरानी में हुआ। भोपाल स्थित अधिकारियों ने पाली ब्लॉक में 24 संदिग्ध खातों की पहचान की है और उनकी सूची भेजी है। इस गबन को अंजाम देने में माध्यमिक शिक्षक रामबिहारी पांडेय, लिपिक अशोक कुमार धनखड़ और कंप्यूटर ऑपरेटर बालेंद्र द्विवेदी का नाम सामने आया है। हालांकि, जांच के बाद अन्य अधिकारियों की संलिप्तता भी उजागर हो सकती है।
2018 से चल रहा था गबन का खेल
वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा फाइनेंशियल इंटेलिजेंस कमेटी (FFIC) ने किया। कमेटी को 24 खातों पर संदेह हुआ और जांच में पाया गया कि ये सभी खाते जिम्मेदार अफसरों के रिश्तेदारों के थे। बताया जा रहा है कि यह गबन 2018 से 2023 के बीच किया गया। विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी राणा प्रताप सिंह सहित अन्य अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। आशंका है कि गबन की राशि 2.60 करोड़ से भी अधिक हो सकती है।
दस्तावेज जब्त, जांच के बाद होगी FIR
जांच के लिए पाली ब्लॉक पहुंचे एसडीएम अंबिकेश प्रताप सिंह और सहायक कोषालय अधिकारी की टीम ने जनजातीय कार्य विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी राणा प्रताप सिंह से पूछताछ की। टीम ने 2018-2023 के वित्तीय लेन-देन से जुड़े रजिस्टर और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। प्राथमिक जांच में 2.60 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई है।
एसडीएम अंबिकेश प्रताप सिंह के अनुसार, दस्तावेजों की पूरी जांच के बाद दोषी अधिकारियों और खाताधारकों के खिलाफ FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी