आनंद शर्मा-एमसीबी/चनवारीडांड।
ग्राम पंचायत चनवारीडांड में पीने के पानी को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। पूर्व सरपंच राम सिंह मरावी का कहना है कि बीते पांच वर्षों से पंचायत के कुओं की सफाई नहीं कराई गई है, जिससे गंदे पानी के उपयोग से ग्रामीणों के बीमार होने का खतरा बना हुआ है।
गौरतलब है कि गांव में प्रत्येक घर तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गई है, जिसके बदले में प्रति परिवार ₹100 मासिक वसूला जा रहा है। बावजूद इसके, पंचायत में मौजूद चार कुओं की नियमित सफाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते पानी की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
इस मुद्दे को लेकर जब वर्तमान पंचायत सचिव सचिन श्रीबंजारे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि करीब दो वर्ष पूर्व मलाई भट्ठा के कुएं की सफाई कराई गई थी। अन्य कुओं में पानी अधिक होने के कारण सफाई में दिक्कतें हैं। यदि कुआं खाली कर दिया जाए तो सप्लाई बाधित हो सकती है।
जब सचिव से पूछा गया कि बरसात अब करीब है, ऐसे में सफाई और कठिन हो जाएगी, तो उन्होंने आश्वासन दिया कि मैं आज ही जनपद पंचायत सीईओ से बात कर सफाई की व्यवस्था करवाता हूं।
अब सवाल यह उठता है कि जब घर-घर पानी सप्लाई के नाम पर शुल्क लिया जा रहा है, तो पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करना किसकी जिम्मेदारी है? ग्रामीणों की उम्मीदें अब पंचायत की तत्परता और जिम्मेदारी पर टिकी हैं।