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हार्वेस्टर से कटाई की जुगत मे किसान मौसम के मिजाज ने बढ़ाई चिंता, काम जल्दी निपटाने की कोशिश

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हार्वेस्टर से कटाई की जुगत मे किसान

मौसम के मिजाज ने बढ़ाई चिंता, काम जल्दी निपटाने की कोशिश

रिपोर्टर हुकुम सिंह
मध्यप्रदेश
उमरिया

ऐसे समय मे जब रबी की फसल पक कर कटने के लिये तैयार है, आसमान मे शुरू हुई बादलों की आवाजाही ने किसानो के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। इधर मौसम विभाग ने भी बारिश का अनुमान जता दिया है। जानकारों का मानना है कि जिले के कुछ क्षेत्रों मे तो गेहूं, चना तथा अन्य फसलें बिल्कुल रेडी हैं, यदि बूंदाबांदी और बारिश हुई तो उन्हे नुकसान हो सकता है। उन्होने बताया कि एक घंटे की बारिश से कटाई और गहाई कई दिन के लिये रूक जाती है। वहीं इसकी वजह से अनाज की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। जिसे बेंचने मे काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। मौसम के मिजाज को देखते हुए किसान अब हार्वेस्टर मशीन वालों से संपर्क कर रहे हैं। जिले मे इनकी तादाद कम है। लिहाजा हार्वेस्टर वालों की पूंछ-परख बढ़ गई है।

रविवार को दिखा बदलाव
रबी सीजन के दौरान इस बार जिले मे गेहूं के अलावा चना, आलू, मटर, प्याज, लहसुन आदि की फसलें लगाई गई हैं। पिछले साल जनवरी से लेकर अप्रेल तक बारिश होती रही, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ था। हलांकि इस वर्ष अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। बीते कुछ दिनो से तापमान मे बढ़ोत्तरी दर्ज होने से फसलें तेजी से तैयार हो रही थीं, परंतु रविवार की सुबह आसमान मे बादलों की उपस्थिति देखी गई। जिससे किसानो मे बेचैनी बढ़ गई है। मौसम के बदलाव को देखते हुए किसान थ्रेसर की बजाय हार्वेस्टर की ओर देख रहे हैं।

तो पैदा होगा भूंसे का संकट
उल्लेखनीय है कि हार्वेस्टर से कटाई और गहाई के कारण जिले मे भूसे का संकट पैदा होने का अनुमान है। बताया जाता है कि थ्रेसर से फसलों की गहाई से समय और लागत भले ही बढ़ जाती है पर इससे अनाज के सांथ भूंसा भी मिलता है। जबकि हार्वेस्टर द्वारा गहाई किये जाने से भूसा नष्ट हो जाता। जिले मे पशुधन की तादाद बेहद अधिक है, जिसके लिये भारी मात्रा मे भूसे की आवश्यकता पड़ती है। कई किसान तो भूसे के लिये खेती ही करते हैं। वैसे भी अगस्त के बाद भूसे की किल्लत बढ़ जाती है। पशु पालकों को आशंका है कि हार्वेस्टर का उपयोग बढऩे से भूसे की

कीमतों मे भी इजाफा होगा।
किसानो का पंजीयन 31 मार्च तक
जिले मे गेहूं विक्रय हेतु पंजीयन का कार्य जारी है। जिला आपूर्ति अधिकारी बीएस परिहार ने बताया कि उक्त पंजीयन 35 खरीदी केन्द्रों के माध्यम से 31 मार्च तक किया जाएगा। जिले मे अब तक कुल 3615 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। गेहूं उपार्जन का कार्य मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा 15 मार्च से 5 मई 2025 तक किया जायेगा। राज्य शासन ने रबी विपणन वर्ष 2025-26 मे गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 तथा 175 रूपये बोनस सहित 2600 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है

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