आधार केंद्रों में मची खुलेआम लूट: सुधार के नाम पर हो रही है अवैध वसूली, लोग परेशान, जिम्मेदार बेखबर
दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया जिले में आधार कार्ड केंद्र अब “जनसेवा केंद्र” नहीं, बल्कि ‘जनशोषण अड्डे’ बन चुके हैं। सरकार की मुफ्त या नाममात्र शुल्क वाली सेवाएं यहां आम जनता की जेब काटने का जरिया बन गई हैं। बच्चों तक को नहीं बख्शा जा रहा, और प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। जहाँ आधार को भारत सरकार ने नागरिकों का मौलिक डिजिटल पहचान प्रमाण पत्र माना है, वहीं दतिया के कई आधार सेवा केंद्रों ने इसे कमाई का स्थायी साधन बना लिया है। ‘फिंगर दो या पैसे दो’ की तर्ज पर यहाँ हर अपडेट अब शुल्क से नहीं, लूट से जुड़ा है।
नाम, पता, जन्मतिथि या मोबाइल अपडेट करवाने वालों से 50 रुपये की निर्धारित राशि के बजाय 150 रुपये से 300 रुपये तक की वसूली की जा रही है। सबसे शर्मनाक स्थिति तब दिखती है जब 5-15 साल तक के बच्चों के बायोमेट्रिक अपडेट, जो पूरी तरह नि:शुल्क हैं, उसके लिए भी 100 से 200 रुपये मांगे जाते हैं।