सचिव विहीन हुआ प्रदेश,
कैसे पूरा हो जनादेश- डॉ सिंहपंचायत सचिवों की हड़ताल से कामकाज ठप्प
एमसीबी। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बने डेढ़ वर्ष से अधिक हो गया है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कई वादे किए थे जिसमे पंचायत सचिवों के नियमितीकरण का भी प्रमुख वादा रहा है। आज एक माह से अधिक हो गया है। सचिव हड़ताल में बैठे हैं। वेतन वृद्धि नियमितीकरण सचिवों की प्रमुख माँग है
उक्ताशय के संबंध में डॉ विनय शंकर सिंह पूर्व जनपद अध्यक्ष ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा की पंचायतों में नए जनप्रतिनिधि तो निर्वाचित होकर पदभार ग्रहण कर लिए हैं लेकिन सचिव बिना पंचायतों के सारे काम ठप्प पड़े हैं। हितग्राहियों के आवास का पैसा नहीं चढ़ रहा है और लोग पेंशन के लिए भटक रहे हैं। आम जनता राशन कार्ड के लिए भटक रहे हैं। मनरेगा की मजदूरी चार पाँच माह से नहीं मिली है। गाँवों में एक भी रोजगार मूलक कार्य नहीं चल रहे हैं। गाँव के लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। जन्म मृत्यु विवाह प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे हैं। विगत डेढ़ वर्षों से पंचायतों में कोई भी नए निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं हो रहे हैं जो कुछ पुराने स्वीकृत कार्य थे वह भी पूरा हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज़्यादा बेरोजगारी गर्मी के दिनों में ही रहता है। इस समय यदि शासकीय योजनाओं से कार्य स्वीकृत होते हैं तो ग्रामीणों को रोजगार मिलता है। रोजगार तो छोड़िये उनके मूलभूत समस्याओं को कोई सुनने वाला नहीं है। सरकार की ग़लत नीतियों के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। शादी विवाह का सीजन है लोग कर्जे में डूब रहे हैं
डॉ सिंह ने आगे कहा की यदि भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का सम्मान करने की वास्तविक सोच रखती है तो सबसे पहले सचिवों के माँग को जल्द से जल्द पूरा करे और पंचायतों की व्यवस्था को सुदृढ़ करे जिससे आम जन मानस में व्याप्त समस्याओं का निराकरण हो सके और बेरोजगारी दूर हो सके